CG : ओलंपिक खेल के दौरान कबड्डी मैदान में घायल खिलाड़ी की मौत… पटखनी देने के बाद सिर के बल गिरा था… टूटी सड़क से अस्पताल पहुंचने में लग गए 4 घंटे… युवक के परिवार को 50 लाख मुआवजा और सरकारी नौकरी देने की मांग…
इम्पैक्ट डेस्क.
छत्तीसगढ़िया ओलंपिक के दौरान मंगलवार शाम खेल मैदान में घायल एक खिलाड़ी की मौत हो गई। घायल खिलाड़ी को हादसे के बाद तत्काल अस्पताल ले जा रहे थे, लेकिन खराब सड़क के चलते साढ़े चार घंटे लग गए। इससे पहले ही रास्ते में खिलाड़ी की मौत हो गई। इसके बाद BJP ने आयोजनकर्ताओं को आड़े हाथों लेते हुए उन पर FIR दर्ज कराने की मांग की है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी राज्य की बदतर सड़कों को लेकर नाराजगी जता चुके हैं।
पटखनी देने के दौरान सिर के बल गिरा
जानकारी के मुताबिक, घरघोड़ा क्षेत्र के भालूमार में छत्तीसगढ़िया ओलंपिक के तहत प्रतियोगिताएं चल रही हैं। इसी में हो रही कबड्डी प्रतियोगिता के दौरान दूसरी टीम ने पटखनी दी तो खिलाड़ी ठंडा राम मालाकार (35) घायल हो गया। बताया जा रहा है कि वह सिर के बल गिरा और गंभीर चोट आ गई। मौके पर फर्स्ट एड या कोई भी स्वास्थ्य व्यवस्था नहीं होने पर उसे किसी तरह स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए। वहांहालत गंभीर देख डॉक्टरों ने उसे रायगढ़ रेफर कर दिया।
अस्पताल ले जाते रास्ते में तोड़ा दम
इसके बाद ठंडा राम मालाकार को रायगढ़ जिला अस्पताल ले जा रहे थे, लेकिन सड़क खराब होने के चलते करीब 42 किमी की दूरी तय करने में एंबुलेंस को साढ़े चार घंटे लग गए। इस दौरान ठंडा राम ने तमनार पाली घाट मार्ग पर रास्ते में दम तोड़ दिया। उसकी मौत के बाद राजनीति भी शुरू हो गई है। भाजपा ने इसके लिए आयोजनकर्ताओं को दोषी ठहराया है। उनका कहना है कि प्रतियोगिता स्थल पर किसी तरह की सुविधा नहीं है। इसके चलते खिलाड़ी परेशान हो रहे हैं।
BJP ने की आयोजकों पर कार्रवाई की मांग
BJP नेता और पूर्व IAS ओपी चौधरी ने कहा कि छत्तीसगढ़ ओलंपिक के दौरान कबड्डी खेलते हुए कबड्डी खेलते हुए युवा खिलाड़ी ठंडा राम की मृत्यु हो गई। उनको श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से चार मांगे रखी हैं।
वहां बिना मैट और स्वास्थ्य सुविधा के कबड्डी खिलाई जा रही थी। ऐसे में आयोजकों पर कार्रवाई हो।
- युवक के परिवार को 50 लाख मुआवजा और सरकारी नौकरी दें।
- ओलंपिक में हिस्सा ले रहे खिलाड़ियों का बीमा हो। मृत्यु पर 50 लाख और अपंगता होने पर 25 लाख रुपए मिलें
- एंबुलेंस से लाने में साढ़े चार घंटे लगे। ऐसी सड़क के जिम्मेदारों पर एफआईआर हो।
राज्य की खराब सड़कों पर CM जता चुके हैं नाराजगी
राज्य की बदहाल सड़कों को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तीन दिन पहले ही नाराजगी जता चुके हैं। उन्होंने अधिकारियों को राज्य की सड़कों को दिसंबर तक गड्ढा मुक्त करने का निर्देश दिया है। सीएम बघेल ने स्पष्ट शब्दों में कहा था कि दिसंबर 2022 तक राज्य की सड़कों को गड्ढा मुक्त कर दिया जाए। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा था कि, सड़कों की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होना चाहिए। मुझे खस्ताहाल सड़कों को लेकर कोई शिकायत नहीं मिलनी चाहिए। इसके लिए जिला कलेक्टरों को नोडल अधिकारी के रूप में काम करने को कहा है।