CG : 12 जातियों को ST सूची में शामिल करने पर सियासत, बीजेपी कांग्रेस में जंग… ’55 सालों तक पंचायतों से लेकर पार्लियामेंट में कांग्रेस रही, BJP नेताओं ने पूछा- जनजाति समूहों को क्यों रखा वंचित?…
इम्पैक्ट डेस्क.
छत्तीसगढ़ की 12 जातियों को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी के साथ प्रदेश में सियासत भी शुरू हो गई है। छत्तीसगढ़ भाजपा के आदिवासी नेताओं ने संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस करके भूपेश सरकार पर हमला बोला। आदिवासी नेताओं ने कहा कि स्वतंत्रता मिलने के 75 वर्षों में लगभग 55 वर्षों तक पंच से लेकर पार्लियामेंट तक कांग्रेस का कब्जा रहा। अपने शासन के इन वर्षों में कांग्रेस ने जनजाति समूहों को उनके संवैधानिक अधिकारों से क्यों वंचित रखा? भाजपा नेताओं ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल झूठी वाहवाही लूटने की बीमारी से पीड़ित हैं। झूठा श्रेय लेने के बजाय भूपेश सरकार को माफी मांगनी चाहिए। शाम को भाजपा के आदिवासी नेताओं ने राज्यपाल अनुसुईया उइके से भी मुलाकात की।
राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के पूर्व अध्यक्ष नेता नंदकुमार साय, प्रदेश महामंत्री केदार कश्यप, पूर्व प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विक्रम उसेंडी, जनजाति मोर्चा अध्यक्ष विकास मरकाम, प्रदेश प्रवक्ता देवलाल ठाकुर, पिंकी शाह, एमडी ठाकुर, झगेश्वर ध्रुव ने कहा कि राज्य के 12 जाति समूहों की अनुसूचित जनजाति में शामिल किया जाना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बड़ी पहल है। भाजपा नेताओं ने इन जाति समूहों को मामूली तकनीकि त्रुटियों के कारण आदिवासी हितलाभ से वंचित रखे जाने के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया। भाजपा नेताओं ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल झूठी वाहवाही लूटने की बीमारी से पीड़ित हैं। केंद्र सरकार के हर अच्छे निर्णय के लिए अपनी पीठ थपथपा लेते हैं। केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ के एक दर्जन जाति समुदाय को उनका वह अधिकार दिया है।
कांग्रेस केवल वोट बैंक की राजनीति करती
भाजपा नेताओं ने कहा कि 12 जातियों के लोगों को शासन की योजना का लाभ कांग्रेस मिलने नहीं दे रही थी। तब भी भूपेश बघेल इसका जबरिया श्रेय लेने की प्रवृत्ति दिखाने से नहीं चूक रहे हैं। वे कह रहे हैं कि उन्होंने चिट्ठी लिखी थी। कमाल की बात है कि उनकी एक चिट्ठी पर छत्तीसगढ़ के वंचित जनजाति समूहों को प्रधानमंत्री ने वाजिब हक दे दिया। भूपेश बघेल उस समय कहां थे, जब मां-बेटे की सरकार चल रही थी। तब डॉ. मनमोहन सिंह को चिट्ठी लिखकर क्यों इन जनजातियों को उनका अधिकार नहीं दिला दिया? भूपेश बघेल को मुफ्त में यश लूटने की कोशिश करने की बजाय इन आदिवासियों से माफी मांगनी चाहिए कि कांग्रेस ने उन्हें मूलभूत अधिकारों से वंचित रखा था। कांग्रेस केवल वोट बैंक की राजनीति करती है।
BJP ने पूछा- कांग्रेस कब पीएम से मिला
भाजपा नेताओं ने कहा कि भूपेश बघेल बताएं कि चिट्ठी लिखने के अलावा उन्होंने और क्या कुछ किया है? क्या कभी प्रधानमंत्री से मिलकर इन जनजातियों को उनका अधिकार देने आग्रह किया? वे बताएं कि कांग्रेस के किस प्रतिनिधिमंडल ने कभी प्रधानमंत्री से कोई भेंट की? भूपेश बघेल तो हर बात पर चिट्ठी लिख देते हैं, लेकिन उनका कच्चा चिट्ठा यह है कि वे पेसा कानून का मसौदा बदलकर आदिवासी समाज से छल कर रहे हैं। भाजपा ने छत्तीसगढ़ के 12 जाति समूहों को अनुसूचित जनजाति में शामिल किये जाने के प्रयासों का जिक्र करते हुए कहा कि वर्ष 2020 में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, सांसद अरूण साव, केंद्रीय राज्य मंत्री श्रीमती रेणुका सिंह, सांसद गोमती साय सहित भाजपा नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा से मुलाकात कर इन जातियों को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की मांग तथ्यों के साथ किया था।