District Beejapur

CG : सहकारी समिति के पांच प्रबंधक बर्खास्त… महुआ खरीदी में की सवा करोड़ की गड़बड़ी, महिलाओं ने की थी सीएम से शिकायत…

इम्पैक्ट डेस्क.

बीजापुर में प्राथमिक लघु वनोपज सहकारी समिति के पांच प्रबंधकों को उनकी सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। प्रबंधकों ने महुआ फूल खरीदी में करीब सवा करोड़ रुपये की गड़बड़ी की थी। इसे लेकर महिलाओं ने मुख्यमंत्री से शिकायत की थी। इसके बाद मामले की जांच में गड़बड़ी पकड़ी गई। यह भी सामने आया कि घटिया क्वॉलिटी के महुआ फूल खपाने की कवायद में प्रबंधक जुटे हुए थे।

जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के आवापल्ली में हुए 19 मई के जन चौपाल कार्यक्रम के दौरान महिलाओं ने महुआ फूल नहीं खरीदने की शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद रायपुर से एक जांच समिति का गठन किया गया था। जांच के दौरान पता चला कि सहकारी समिति के प्रबंधक घटिया क्वॉलिटी के महुआ फूल खपाने की कोशिश में थे। इसके जरिए करीब सवा करोड़ की गड़बड़ी सामने आई।

बताया गया है कि जिला यूनियन बीजापुर में 28 समितियां कार्य कर रही हैं। जिनके अध्यक्ष, उपाध्यक्ष सहित संचालक सदस्य कार्य करते हैं। उन्हीं पर निगरानी की जिम्मेदारी भी होती है। जिसमे वन विभाग के तरफ से पोषक अधिकारी के रूप में डिप्टीरेंजर की तैनाती की गई है। जिले में वनोपजों का सही लाभ हितग्राही को मिले, इसके लिए लघु वनोपज सहकारी समितियों के माध्यम से स्थानीय महिला स्व सहायता समूह के माध्यम से समर्थन मूल्य पर सीधी खरीदी की जानी चाहिए। 

इन पर हुई कार्रवाई

प्राथमिक लघु वनोपज सहकारी समिति कोरसागुडा डिकेश चिलमुल, प्राथमिक लघु वनोपज सहकारी समिति चेरामंगी जीवी सड़वली, प्राथमिक लघु वनोपज सहकारी समिति हीरापुर हेमंत यदु, प्राथमिक लघु वनोपज सहकारी समिति पुजारी कांकेर तिलक यादव, प्राथमिक लघु वनोपज सहकारी समिति उसूर अनिल कट्टम और प्राथमिक लघु वनोपज सहकारी समिति पामेड़ वेतन चेरला रामाराव शामिल हैं।

प्रबंध संचालक जिला यूनियन ने की कार्रवाई

जिला यूनियन द्वारा जारी पत्र में संबंधितों को उल्लेखित करते कहा है कि प्रबंध संचालक  छ ग राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ मर्यादित रायपुर द्वारा गठित जांच दल द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन में महुआ फूल गुणवत्ता हीन होने और संबंधितों को वापस करने की बात कही गई है, जिसके आधार पर महुआ फूल संग्रहण में अनियमितता बरतते हुए घोर लापरवाही की गई है। जिसके संदर्भित पत्र में दिए निर्देश के अनुसार समिति प्रबंधक पद से सेवा समाप्ति की जाती है।

इन समितियों में हुई थी धांधली

प्राथमिक लघु वनोपज सहकारी समिति  कोरसागुडा 500 क्विंटल राशि 16 लाख 50 हजार रुपए, प्राथमिक लघु वनोपज सहकारी समिति चेरामंगी 1490 क्विंटल  49 लाख 17 हजार रुपए, प्राथमिक लघु वनोपज सहकारी समिति हीरापुर 510 क्विंटल 16 लाख 83 हजार, प्राथमिक लघु वनोपज सहकारी समिति  पुजारी कांकेर 182 क्विंटल 6 लाख 6 सौ रुपए, प्राथमिक लघु वनोपज सहकारी समिति उसूर 300 क्विंटल  9 लाख 90 हजार रुपए और प्राथमिक लघु वनोपज सहकारी समिति पामेड़ 679.2क्विंटल राशि 22 लाख 41हजार 3सौ साठ रुपए की धांधली की गई थी।