CG : जल संसाधन विभाग के EE, SDO और सब इंजीनियर को ACB ने दबोचा… बिल क्लीयर करने ठेकेदार से मांगे थे 24 लाख…
इम्पैक्ट डेस्क. कोंडागांव.
छत्तीसगढ़ में घूस और रिश्वतखोरी का मामला थमता नजर नहीं आ रहा है। राजस्व विभाग के बाद अब जल संसाधन विभाग में रिश्वतखोरी का मामला फूटा है। कोंडागांव जिले में एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने जल संसाधन विभाग के ईई, एसडीओ और सब इंजीनियर को 1 लाख 30 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। एक ठेकेदार से 1.11 करोड़ रुपये का बिल पास करने के एवज में 24 लाख रुपये घूस की डिमांड की गई थी। रिश्वत की रकम किस्तों में देना तय हुआ था। ठेकेदार की लिखित शिकायत पर जगदलपुर एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने तीनों को शुक्रवार की देर शाम दबोच लिया।
मिली जानकारी के मुताबिक जल संसाधन विभाग के एक्जीक्यूटिव इंजीनियर आरबी सिंह, एसडीओ आरबी चौरसिया और सब इंजीनियर डीके आर्य को एसीबी की टीम ने रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। तीनों सरकारी कर्मचारियों ने ठेकेदार से 1 करोड़ 11 लाख रुपये का बिल पास करने के एवज में कमीशन के तौर पर 24 लाख रुपये की डिमांड की थी। ठेकेदार ने कमीशन का पैसा किस्तों में देने की बात कही थी, जिस पर तीनों अफसर राजी हो गए। ठेकेदार ने इसकी शिकायत जगदलपुर के एंटी करप्शन ब्यूरो में कर दी थी। एसीबी की टीम ने पूरी योजना के तहत तीनों अफसरों को ट्रेप किया।
रिश्वत की रकम लेकर ईई ने घर पर बुलाया
शुक्रवार की देर शाम ठेकेदार किस्त के 1 लाख 30 हजार रुपये देने ईई को फोन लगाया। ईई ने ठेकेदार को कोंडागांव स्थित सिंचाई कॉलोनी के सरकारी क्वार्टर नंबर G-3 में रुपयों के साथ बुलाया। यहां ईई आरबी सिंह के अलावा एसडीओ आरबी चौरसिया और सब इंजीनियर डीके आर्य पहले से मौजूद थे। ठेकेदार ईई को 1 लाख 30 हजार रुपये नकद देकर चला गया। ठेकेदार जैसे ही बाहर निकला एंटी करप्शन ब्यूरो ने दबिश दी और रिश्वत की रकम के साथ तीनों को गिरफ्तार कर लिया। तीनों रिश्वतखोर अधिकारियों के खिलाफ एसीबी ने अपराध दर्ज किया है। तीनों को आज न्यायालय में पेश किया जाएगा।
लगातार सुर्खियों में रिश्वतखोरी का मामला
3 दिन पहले महासमुंद जिले के बागबाहरा एसडीएम कार्यालय में पदस्थ सहायक ग्रेड-2 के एक कर्मचारी को कलेक्टर ने निलंबित किया था। उन्होंने किसान से जमीन का डायवर्सन कराने 80 हजार रुपये की डिमांड की थी। 30 हजार रुपये रिश्वत देते किसान ने इसका वीडियो बना लिया और उसे वायरल कर दिया, जिसके बाद उन्हें सस्पेंड किया गया है। वहीं छत्तीसगढ़ के अलग-अलग जिलों में पटवारियों द्वारा ऋण पुस्तिका बनाने, राजस्व रिकॉर्ड ठीक करने रुपये की डिमांड किए जाने के कई मामले सुर्खियों में है। राजस्व विभाग में रिश्वतखोरी रोकने सीएम ने कड़े निर्देश दिए हैं, बावजूद असर नहीं दिख रहा है।