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CG : 10 के सिक्के नहीं लेने पर भारतीय मुद्रा के अपमान मामले में दर्ज होगी केस… राजधानी में करीब पांच-छ: साल से 10 रुपए के सिक्कों का लेन-देन बंद…

इम्पैक्ट डेस्क.

आज कल दुकानों पर 10 के सिक्के भारतीय मुद्रा ही नहीं माना जाता। जब भी कोई ग्राहक 10 का सिक्का देता है तो सामने से दुकानदार यही कहता है ये नहीं चलता। अब इस मामले पर जिला प्रशासन सख्त रुख अपना सकता है। रायपुर के कलेक्टर ने ये तक कहा है कि अगर कोई RBI की जारी मुद्रा को लेने से इनकार करेगा तो उसके खिलाफ मामला दर्ज किया जा सकता है।

अब समझिए कि बाजार के क्या हाल हैं। राजधानी में करीब पांच-छ: साल से 10 रुपए के सिक्कों का लेन-देन बंद है। चौंकाने वाली बात यह है कि इन सालों में अब तक प्रशासन की ओर से किसी भी कारोबारी पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। रायपुर में RBI का स्टेट ऑफिस है, वहां के अफसरों को भी इस बात की जानकारी मिलती रही मगर उन्होंने भी कुछ नहीं किया।

दिखना ही काम हो गया
राजधानी के किसी भी किराना दुकान, चाय या पान ठेलों में 10 रुपए के सिक्के नहीं लिए जाते। सामान देने वाला व्यापारी 10 रुपए के सिक्के लेने से साफ इनकार कर कर देता है। इन छोटे व्यापारियों ने बताया कि जब फोन पे, पेटीएम समेत कई ऐप शुरू हुए हैं, लोग इसी से भुगतान कर देते हैं। इसलिए बाजार में अब 10 रुपए के सिक्के दिखाई ही नहीं दे रहे हैं। कुछ समय बाद यह सिक्के बाजार से पूरी तरह से गायब हो जाएंगे।

क्यों नहीं लेते 10 के सिक्के
व्यापारियों की माने तो एक साथ 10 के सिक्के बड़ी संख्या में इकट्ठा करने पर बैंक वाले भी उसे जमा करने से इंकार कर देते हैं। ऐसा कुछ मामलों में हो चुका है इसके बाद ये बात कारोबारियों के बीच तेजी से फैली और अब 10 का सिक्का देखते ही बहुत से दुकानदार एक सुर में ना कह देते हैं। कारोबारी संगठनों के दबाव बनाने के बाद बैंक ने सिक्के लिए थे, मगर 10 का सिक्का न लेना एक चलन बन चुका है।