270 का सीमेंट पहुंचा 350 पर… पेट्रोल-डीजल के बाद अब ट्रांसपोर्टर महंगी…
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इंपेक्ट डेस्क.
बलोदा बाजार। पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगी आग ने आम लोगों की जेब को झुलसा दिया है. राशन, सब्जी महंगी हुई तो ट्रांसपोर्टेशन चार्ज भी बढ़ गया. अब अगला नंबर उनका है, जो अपने सिर पर छत और कंस्ट्रक्शन का सपना देख रहे हैं. धान के कटोरे के साथ-साथ सीमेंट हब के तौर पर पहचाने जाने वाले छत्तीसगढ़ में अब सीमेंट की किल्लत हो रही है और कीमतों में बढ़ोतरी हुई है.
ट्रांसपोर्टर के हड़ताल से बाजार में सीमेंट की शॉर्टेजदरअसल भाड़ा बढ़ाने की मांग को लेकर ट्रक वालों की लंबी हड़ताल ने असर दिखाना शुरू कर दिया है. हड़ताल के कारण प्रदेश भर में सीमेंट की शॉर्टेज हो गई है. दरअसल देशभर में सीमेंट के सबसे बड़े हब के रूप में छत्तीसगढ़ को पहचाना जाता है. सीमेंट प्लांटों में लगे तमाम ट्रकों ने भाड़े बढ़ाने की मांग को लेकर काम बंद कर दिया है. इसका असर सीमेंट फैक्ट्रियों में पड़ने लगा है. सीमेंट की लोडिंग नहीं होने से अब उत्पादन भी कम कर दिया गया है. सप्लाई ना होने के कारण प्रदेश के सीमेंट व्यापारियों के पास सीमेंट खत्म हो गई है। अब इसका असर कंस्ट्रक्शन काम में देखने को मिल रहा है.छत्तीसगढ़ सीमेंट उत्पादन का बड़ा हब बलोदा बाजार में है।
यहां 11 बड़े सीमेंट प्लांट हैं. लगभग 29 लाख टन तक का सीमेंट का प्रोडक्शन होता है. बलोदाबाजार की पहचान देश के उन जिलों में है, जहां से सबसे ज्यादा सीमेंट की सप्लाई की जाती है. इसी जिले के हिरमी रावन गांव में ही 9 बड़े सीमेंट प्लांट हैं. यहां का बना सीमेंट देश के लगभग सभी राज्यों में भेजा जाता है. हर प्लांट में दो-दो यूनिट है. जिसमें 10 हजार टन सीमेंट का प्रोडक्शन और सप्लाई किया जाता है.