सियोल में 159 मौतों का मामला : 4 मीटर की गली में मौजूद थे एक लाख लोग… 10 पॉइंट्स में जानें आखिर क्यों हुआ यह हादसा?…
इम्पैक्ट डेस्क.
दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल में भगदड़ की वजह से अब तक 151 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। सियोल के नाइटलाइफ इलाके की संकरी गलियों से लगातार लोगों के शव निकाले जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि मरने वाले अधिकतर लोग की उम्र 20 साल के आसपास थी। हालांकि, प्रशासनिक अधिकारियों ने इस हादसे में ड्रग्स का इस्तेमाल होने की अटकलों को सिरे से खारिज कर दिया। दुनियाभर के देश इस हादसे पर दुख जाहिर कर रहे हैं। वहीं, दक्षिण कोरिया में राष्ट्रीय शोक घोषित कर दिया गया है। इस बीच सोशल मीडिया पर कई वीडियो वायरल हुए हैं, जिनसे दिल दहलाने वाले खुलाने हुए हैं। इस रिपोर्ट में महज 10 पॉइंट्स में जानते हैं कि आखिर यह हादसा कैसे हुआ?
1. हैमिल्टन होटल के पास इटावोन की संकरी गली में हजारों लोग मौजूद थे। कोरोना प्रतिबंध हटने के बाद सियोल में पहला हैलोवीन इवेंट आयोजित किया गया था।
2. दक्षिण कोरियन मीडिया के मुताबिक, इमरजेंसी की पहली सूचना रात करीब 10:22 बजे मिली थी। इसके बाद बचाव कार्य शुरू किया गया, लेकिन भीड़ की वजह से मेडिकल टीम को पहुंचने में वक्त लगा।
3. बताया जा रहा है कि महज चार मीटर के दायरे में करीब एक लाख लोग मौजूद थे। वहीं, इटाओन सबवे स्टेशन और होटल से भारी भीड़ मौके पर पहुंच रही थी।
4. कोरियन मीडिया के मुताबिक, नाइट स्पॉट वाली संकरी गली में मौजूद किसी प्रतिष्ठान में एक सेलिब्रिटी नजर आया था, जिसके बाद भीड़ काफी ज्यादा बढ़ गई।
5. रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि जिस गली में भगदड़ मची, वह महज चार मीटर चौड़ी थी। यह जगह इतनी कम है कि इसमें एक सेडान कार भी नहीं आ सकती।
6. भगदड़ के दौरान लोगों ने एक-दूसरे को धक्का देना शुरू कर दिया। इसकी वजह से लोग एक-दूसरे पर गिरने लगे।
7. भगदड़ मचते ही लोगों की हालत बिगड़ने लगी। इस दौरान काफी लोगों ने दम घुटने और कार्डियक अरेस्ट की दिक्कत होने के संकेत दिए।
8. भीड़ की वजह से एंबुलेंस पीड़ितों के पास नहीं पहुंच सकी। इस दौरान पुलिसकर्मियों ने कारों की छत पर खड़े होकर भीड़ को रास्ता छोड़ने के निर्देश दिए, जिससे एंबुलेंस के लिए रास्ता बन सके।
9. भगदड़ मचने के बाद भी काफी लोग मौज-मस्ती करते नजर आए। उन्होंने रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान रास्ते में रुकावट भी डाली।
10. भीड़ और संकरी गली की वजह से जब एंबुलेंस मौके पर नहीं पहुंच सकी तो मेडिकल टीम ने मौके पर ही पीड़ितों को सीपीआर दिया।