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हिंदू नववर्ष के पहले दिन बीएसई सेंसेक्स कारोबार के दौरान पहली बार 75,000 अंक के पार पहुंचा

मुंबई
 हिंदू नववर्ष के पहले दिन मंगलवार को बीएसई सेंसेक्स भी नई ऊंचाई पर पहुंच गया। कारोबार के दौरान सेंसेक्स पहली बार 75,000 अंक के पार पहुंचा। तीन अप्रैल 1979 को सेंसेक्स 100 अंक पर था। 23 जुलाई, 1990 को यह पहली बार 1,000 अंक पर पहुंचा। उसके बाद 5,000 अंक तक पहुंचने में इसे करीब नौ साल का समय लग गया। 2006 में यह पहली बार 10,000 अंक पर पहुंचा और नरेंद्र मोदी के पहली बार देश का प्रधानमंत्री बनने से दस दिन पहले यह 25,000 के आंकड़े को छू गया। 21 जून, 2021 को इसने 50,000 अंक का आंकड़ा छुआ और अब 75,000 अंक पर पहुंचा है। इसके साथ ही भारत का मार्केट कैप पहली बार 400 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गया है। पिछले नौ महीने में इसमें 100 लाख करोड़ रुपये का इजाफा हुआ है। एक नजर बीएसई सेंसेक्स के अब तक के सफर पर।

हाल के वर्षों में शेयर बाजार में लोगों को दिलचस्पी बढ़ी है। लोग निवेश के परंपरागत विकल्पों को छोड़कर शेयर मार्केट का रुख कर रहे हैं। देश में डीमैट अकाउंट्स की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। जेरोधा और एंजलवन जैसे ब्रोकिंग ऐप्स ने शेयर बाजार में निवेश को बेहद आसान बना दिया है। भारत आज दुनिया के सबसे बड़े शेयर मार्केट्स में शामिल है। उसका शेयर मार्केट 400 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच चुका है। भारते के शेयर बाजार में दो तरह के इंडेक्स होते हैं। बीएसई सेंसेक्स में टॉप 30 कंपनियां शामिल हैं जबकि निफ्टी में 50 कंपनियां हैं। माना जाता है कि सेंसेक्स की शुरुआत साल 1850 में एक बरगद के पेड़ के नीचे हुई थी। चार गुजराती और एक पारसी कारोबारी इस पेड़ के नीचे बैठक करते थे। धीरे-धीरे दूसरे लोग भी इससे जुड़ते गए और कारवां बढ़ता गया।

कैसे हुई शुरुआत

मुंबई के चर्चगेट इलाके में हार्निमन सर्किल के टाउनहॉल के पास स्थित इस पेड़ के पास ब्रोकर मिलते थे और शेयर बेचा करते थे। जब पार्टिसिपेंट्स की संख्या बढ़ने लगी तो साल 1855 में एक ऑफिस खरीदा गया जिसे आज बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज यानी बीएसई के नाम से जाना जाता है। धीरे-धीरे दलाल बंबई के मेडोज स्ट्रीट और एमजी रोड पर जुटते चले गए और यह सड़क दलाल स्ट्रीट के नाम से मशहूर हो गई। साल 1875 में द नेटिव शेयर एंड स्टॉक ब्रोकर्स एसोशिएशन की स्थापना हुई। आधिकारिक तौर पर शेयर बाजार की शुरुआत माना जाता है। तब 318 लोगों ने एक रुपये की एंट्री फीस लेकर इस एसोसिएशन का गठन किया था। यह एशिया का पहला शेयर बाजार था।

पांच साल में होगा दोगुना!

बीएसई का जनक बॉम्बे के कॉटन किंग के नाम से पॉपुलर कारोबारी प्रेमचंद रायचंद जैन को माना जाता है। आजादी के 10 साल के बाद 1957 में भारत सरकार ने सिक्योरिटीज कॉन्ट्रैक्ट रेगुलेशन एक्ट के तहत बीएसई को मान्यता दी। साल 1986 में BSE Sensex की शुरुआत हुई जिसका बेस ईयर 1978-79 और बेस प्वाइंट 100 रखा गया था। 1990 से 2023 तक बीएसई में 60 गुना से ज्यादा का उछाल दर्ज की गई। सेंसेक्स ने पहली बार 1000 का स्तर 23 जुलाई 1990 को पार किया था। इसके बाद 16 साल के बाद यानी 6 फरवरी 2006 को सेंसेक्स पहली बार 10,000 अंक पर पहुंचा। 16 मई, 2014 को इसने पहली बार 25,000 अंक का स्तर छुआ और 21 जनवरी 2021 को 50,000 अंक पर पहुंचा। 2029 में इसके 150,000 अंक पर पहुंचने का अनुमान है।