प्रदेश सरकार के खिलाफ भाजयुमो का प्रदर्शन…7 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौपा…
इम्पेक्ट न्यूज. सुकमा।
प्रदेश सरकार के खिलाफ भारतीय जनता युवा मोर्चा ने एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया और 7 सूत्रीय मांगो का ज्ञापन कलेक्टर के नाम का सौपा। भाजपा के नेताओं ने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं के साथ छलावा कर रही है। जिसके कारण आज युवा परेशान है और ऐसे कदम उठाने को मजबूर हो रहे है।
आज जिला मुख्यालय स्थित बस स्टेण्ड़ पर भारतीय जनता युवा मोर्चा के द्वारा एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया गया। जिसमें जिलेभर के भाजयुमो के कार्यकर्ता व भाजपा के नेता शामिल हुए। सभा को मनोज देव, संजय सोढ़ी, विवेक यादव ने संबोधित किया। उन्होने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार जनता से झूठा वादा कर बनी है। ना तो किसान के साथ वादा पूरा किया है और ना ही बेरोजगार युवाओं के साथ किया वादा। जिसके कारण आज युवा आत्मदाह जैसा कदम उठा रहे है। जनता के सामने कांग्रेस का असली चेहरा सामने आ गया है। साथ ही पिछले दो दिनों से सुकमा जिले का भी माहौल खराब हो गया है यहां पर भी प्रशासन जनता की भावना व आस्था के साथ खिलवाड़ कर रही है। प्रशासन को चाहिए कि मंदिर तोड़ने वाले मामले में दोषियों पर कार्रवाई करे। उसके बाद सभाी कार्यकर्ता एसडीएम कार्यालय में ज्ञापन देने पहुंचे जहा कलेक्टर के नाम का 7 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौपा। इस दौरान काफी संख्या में भाजपा के नेता मौजूद थे।
यह है प्रमुख मांगे
भाजयुमों ने जो ज्ञापन सौपा जिसमें प्रमुख रूप से आत्मदाह के पीड़ित युवा की समस्या का हल तत्काल प्राथमिकता के साथ पूरा कराऐं जाऐं। साथ ही प्रदेश सरकार की घोषणा पत्र के अनुरूप बेरोजगारों को 2500 रू. प्रतिमाह बेरोजगारी भत्ता दिया जाऐं। राज्य सरकार के द्वारा अनेक भर्ती परीक्षाओं का आयोजन किया गया था उसके शेष प्रक्रिया को तत्काल पूरा किया करने समेत 7 सूत्रीय मांगो का ज्ञापन सौपा गया था।
प्रदेश सरकार बेरोजगारों के साथ कर रही छलावा- पेद्दी
भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष दिलीप पेद्दी ने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार बेरोजगार युवाओं के साथ छलावा कर रही है। बेरोजगार युवाओं से वादा किया था कि उन्हे बेरोजगार भत्ता 2500 रू. प्रतिमाह दिया जाऐंगा लेकिन आज तक नहीं मिला। साथ ही युवाओं की कोई सुनने वाला नहीं है जिसके कारण बेरोजगार युवा आत्मदाह जैसे कदम उठाने को मजबूर हो रहे है। इसलिए भाजयुमो के द्वारा प्रदेशभर में आंदोलन किया गया था।