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CG में कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी को लेकर बड़ा अपडेट, 15 अगस्त को मिल सकती है खुशियों की सौगात

रायपुर
छत्तीसगढ़ के सरकारी कर्मचारियों को बड़ी खुशखबरी मिली है। लंबे समय से महंगाई भत्ते का इंतजार कर रहे सरकारी कर्मचारियों को इसी महीने अगस्त में बड़ा अपडेट मिल सकता है। कयास लगाया जा रहा है ​कि प्रदेश सरकार 15 अगस्त को 4 प्रतिशत डीए बढ़ाने का ऐलान कर सकते हैं। हालांकि इसकों लेकर अभी अधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। लेकिन माना जा रहा है कि प्रदेश सरकार अपने कर्मचारियों की झोली इसी महीने भर सकती है।

दरअसल, हाल ही में छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा के प्रतिनिधि मंडल ने वित्त मंत्री ओपी चौधरी से मुलाकात की है। इस मुलाकात में प्रतिनिधि मंडल ने संगठन महामंत्री पवन साय को बताया कि कर्मचारियों से किए गए वादे पूरे नहीं होने से कर्मचारियों में निराशा का माहौल है, जबकि सत्ता परिवर्तन में कर्मचारियों की महत्वपूर्ण भूमिका थी। संगठन महामंत्री ने प्रतिनिधि मंडल की बातों को सुनने के बाद हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया और वित्त मंत्री ओपी चौधरी तक कर्मचारियों की मांग को पहुंचाया।

मुलाकात के दौरान प्रतिनिधिमंडल ने वित्त मंत्री को पूर्ववर्ती सरकार के दौरान बकाया डीए के एरियर्स, एलबी संवर्ग सहायक शिक्षकों की वेतन विसंगति सहित विभिन्न विभागों के कर्मचारियों के संदर्भ में भाजपा के घोषणा पत्र में किए गए वायदे को पूरा करने की मांग करते हुए राज्य के कर्मचारियों की सरकार से की जा रही अपेक्षाओं से अवगत कराया।

जिस पर वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने कहा कि चुनाव में दिए गए मोदी की गारंटी को पूरा करने के लिए सरकार को कुछ समय दीजिए। उन्होंने कहा कि भाजपा ने जो भी वायदा किया है, उसे पूरा करेंगे। मंत्री चौधरी ने कहा कि चुनावी घोषणापत्र में दिए गए “मोदी की गारंटी” के संदर्भ में चर्चा हुई। इस दौरान मंत्री ओपी चौधरी ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि, जल्द ही देय तिथि से लंबित 4% महंगाई भत्ता देने का आदेश जारी किया जाएगा।

जिसे बाद अब सरकारी कर्मचारियों की उम्मीद बढ़ गई है और अब कयास लगाया जा रहा है कि 15 अगस्त में साय सरकार सरकारी कर्मचारियों को बड़ी सौगात दे सकती है। गौरतलब है कि 16 जुलाई को इंद्रावती भवन नया रायपुर में छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा की बैठक आयोजित की गई थी। इस बैठक में प्रदेश भर से दो दर्जन से अधिक कर्मचारी अधिकारी संगठन एवं शिक्षक संगठनों के प्रतिनिधि के अलावा सत्ता पक्ष के गैर राजनीतिक अनुषांगिक संगठन से जुड़े कर्मचारी नेता भी शामिल हुए थे।