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दिल्‍ली हाई कोर्ट से Go First को बड़ा झटका, 54 विमानों का रजिस्‍ट्रेशन रद्द करने का दिया आदेश

नई दिल्ली

दिल्‍ली हाईकोर्ट की तरफ से एयरलाइन Go First को बड़ा झटका लगा है. दिल्‍ली हाईकोर्ट ने नागरिक उड्डयन नियामक महानिदेशक  (DGCA) को निर्देश दिया है कि वह पांच दिन के भीतर एयरलाइन द्वारा पट्टे पर लिए गए विमानों के डीरजिस्ट्रेशन आवेदनों का निपटान करे. साथ ही कोर्ट ने संकट में फंसी एयरलाइन गो फर्स्‍ट द्वारा इन विमानों को उड़ाने पर भी रोक लगा दी है.

दिल्‍ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को गो फर्स्‍ट के लिए यह निर्देश जारी किया. DGCA को अगले पांच कार्य दिवसों के भीतर गो फर्स्ट द्वारा पट्टे पर लिए गए विमानों का रजिस्‍ट्रेशन रद्द करने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाना होगा और कोर्ट के फैसले के मुताबिक पट्टेदारों को विमान वापस दिया जा सकता है.

सभी 54 विमानों का रजिस्‍ट्रेशन रद्द करने का आदेश
कोर्ट ने इस मामले से जुड़े सभी 54 विमानों का रजिस्ट्रेशन कैंसिल करने का आदेश जारी कर दिया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि इसके अतिरिक्त, इसने Go First को इन विमानों के संचालन से प्रतिबंधित कर दिया है. ऐसे में एयरलाइन को अपने सभी 54 विमान खोने का खतरा है, जिससे वापसी की कोई भी उम्‍मीद टूट जाएगी.

इन पट्टेदारों ने डाली थी अर्जी
गौरतलब है कि यह निर्देश तब आया है जब पेम्ब्रोक एविएशन, एक्सीपिटर इन्वेस्टमेंट्स एयरक्राफ्ट 2, EOS एविएशन और SMBS एविएशन समेत विमान पट्टेदारों ने अपने विमानों को फिर से पाने की अनुमति मांगने के लिए मई 2023 में दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था. शुरुआत में डीजीसीए ने कहा कि वह रोक के कारण विमान को जारी नहीं कर सकता, लेकिन बाद में डीजीसीए को कोर्ट के फैसले का इंतजार था.

गो फर्स्‍ट के लिए लगी थी दो बोलियां
बता दें कोर्ट में इस मामले के बीच गो फर्स्‍ट को खरीदने के लिए एक स्पाइसजेट के प्रमुख अजय सिंह के ग्रुप और शारजाह स्थित स्काई वन की ओर से बोलियां लगाई गई थीं. अजय सिंह और बिजी बी एयरवेज ने एयरलाइन के लिए 1,600 करोड़ रुपये की पेशकश की, लेकिन एयरलाइन के कर्जताओं की ओर से अभी तक फैसला नहीं किया गया कि किसका ऑफर एक्‍सेप्‍ट करेंगे.

हाईकोर्ट ने कहा कि DGCA तुरंत और अगले 5 वर्किंग डे के भीतर एयरक्राफ्ट के लिए डी-रजिस्ट्रेशन के आवेदन पर कार्रवाई करेगा। अदालत ने कहा कि यह आदेश सभी 54 विमानों पर लागू होता है। कोर्ट ने रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल (RP) के आदेश के संचालन को एक सप्ताह के लिए स्थगित रखने के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया ताकि वे अदालत की डिवीजन बेंच के समक्ष अपील दायर कर सकें। नतीजतन अगर आरपी ने इस आदेश पर रोक नहीं लगाई तो एयरलाइन को अपने सभी 54 एयरक्राफ्ट को खोना पड़ सकता है।

अदालत ने कहा कि एयरक्राफ्ट के सभी "मेंटेनेंस से जुड़े कार्य" याचिकाकर्ता लेसर्स और ऑथराइज्ड रिप्रेजेंटेटिव द्वारा एयरक्राफ्ट रूल्स के तहत "जब तक एयरक्राफ्ट को डी-रजिस्टर और निर्यात नहीं किया जाता है" तक किया जाएगा। दिल्‍ली हाईकोर्ट में गो फर्स्ट के एयरक्राफ्ट लेसर्स ने याचिका दाखिल की थी कि उनके विमानों के रजिस्‍ट्रेशन को रद्द किया जाए। इस संबंध में दिल्‍ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने वाले लेसर्स में पेमब्रोक एविएशन, एक्सीपिटर इन्वेस्टमेंट्स एयरक्राफ्ट 2, ईओएस एविएशन और एसएमबीसी एविएशन समेत कई शामिल थे।