छत्तीसगढ़ में एंटीकरप्शन ब्यूरो की बड़ी कार्रवाई : उपपंजीयक, लिपिक, पंचायत के लोकपाल और एक लेखाधिकारी को घूस लेते रंगे हाथों पकड़ा 5 गिरफ्तार…
इम्पेक्ट न्यूज। रायपुर।
छत्तीसगढ़ में एंटी करप्शन ब्यूरो की कार्रवाई लगातार जारी है। आज प्रदेश में एक उपपंजीयक, लिपिक, पंचायत के लोकपाल और एक लेखाधिकारी को अलग—अलग मामले में रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा। सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके विरुद्ध धारा 7 पीसीएक्ट 1988 के प्रावधानों के तहत कार्यवाही की जा रही है।
पहला मामला उप पंजीयक, सरायपाली, जिला महासमुंद
प्रार्थी भूपेन्द्र पटेल, निवासी ग्राम बड़े पंधी, तहसील सरायपाली, जिला महासमुंद द्वारा एन्टी करप्शन ब्यूरो, यूरो, रायपुर में शिकायत की गई थी कि उनके पिता टीकाराम पटेल द्वारा दान पत्र के माध्यम से प्रार्थी की पत्नी श्रीमती योगिता पटेल के नाम पर लगभग 5 एकड़ जमीन करना चाहते थे। कार्यालय उप पंजीयक में सारी प्रक्रिया होने के बाद उप पंजीयक श्रीमती लिली पुष्पलता बैग द्वारा जमीन के दस्तावेज में हस्ताक्षर कर रिकार्ड में चढ़ाने के लिये प्रार्थी से 35,000 रुपए रिश्वत की मांग की गई थी।
प्रार्थी के निवेदन पर 26,000 रुपए लेने के लिये आरोपिया सहमत हुई। प्रार्थी रिश्वत नहीं देना चाहता था, बल्कि रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़वाना चाहता था। शिकायत सत्यापन के पश्चात् 12 सितंबर को ट्रेप आयोजित कर आरोपिया श्रीमती लिली पुष्पलता बैग एवं उसके सहयोगी शत्रुघन ताड़ी को प्रार्थी से 26,000 रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया। आरोपी के निवास स्थानों पर अनुपातहीन संपत्ति के संबंध में तलाशी की कार्यवाही जारी है।
उल्लेखनीय है कि श्रीमती लिली पुष्पलता बेग के विरूद्ध ब्यूरो में पूर्व में भी पद के दुरूपयोग का मामला जिसमें शासकीय पंजीयन राशि मैं हेरफेर कर केता को लाभ पहुंचाने हंचाने के लिये अपराध कमांक 04/2018 धारा 7, 13 (1) (डी), 13 (2) के तहत अपराध दर्ज कर चालान की कार्यवाही की गई थी। मामला वर्तमान में न्यायालय में विचारणाधीन है।
दूसरे मामले में लिपिक, शासकीय शाला-खम्हार, जिला रायगढ़ को पकड़ा गया
प्रार्थी ओमेन्द्र सिंह चौहान, शिक्षक द्वारा एन्टी करप्शन ब्यूरो के बिलासपुर कार्यालय में शिकायत की गई थी कि उसकी पत्नी के सिर के ऑपरेशन के इलाज का लगभग 04 लाख रुपये का मेडिकल बिल पिछले 03 महिने से अधिक समय से लंबित था जिसे पारित कराने हेतु ओमप्रकाश नवरतन, सहायक श्रेणी-02, शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला, खम्हार, जिला रायगढ़ द्वारा प्रार्थी से 25,000 रुपए रिश्वत की मांग की गई थी। प्रार्थी रिश्वत नहीं देना चाहता था, बल्कि रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़वाना चाहता था। शिकायत सत्यापन के पश्चात् आज दिनांक 12 सितंबर को ट्रेप आयोजित कर आरोपी ओमप्रकाश नवरतन को प्रार्थी से 25,000 रु० रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया।
तीसरे मामले में लोकपाल, जनपद पंचायत पेण्ड्रा, जिला-गोरेला पेंड्रा मरवाही में
प्रार्थी रोशन सराफ, प्रोग्राम ऑफिसर द्वारा एन्टी करप्शन ब्यूरो के बिलासपुर कार्यालय में शिकायत की गई थी कि उसके विरूद्ध तालाब खुदाई के मामले की जांच पेण्ड्रा जनपद पंचायत के लोकपाल वेद पाण्डेय द्वारा की जा रही थी। मामले में जांच पूरी कर नस्तीबद्ध करने हेतु वेद पाण्डेय द्वारा प्रार्थी से 25,000 रुपए रिश्वत की मांग की गई थी।
प्रार्थी रिश्वत नहीं देना चाहता था, बल्कि रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़वाना चाहता था। शिकायत सत्यापन के पश्चात् 12 सितंबर को ट्रेप आयोजित कर आरोपी वेद पाण्डेय को प्रार्थी से 25,000 रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया। ज्ञातव्य है कि उक्त आरोपी के विरुद्ध अवैध वसूली से परेशान होकर कार्यालय के कर्मचारियों ने कई बार पूर्व में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों को शिकायत की थी। पूर्व में आरोपी बर्खास्त भी हो चुका है।
चौथे मामले में सहायक लेखाधिकारी, जनपद पंचायत, बोडला, जिला कबीरधाम को पकड़ा गया इसमें प्रार्थी मोती बैगा, ग्राम कुकरापानी, तहसील बोडला, जिला कबीरधाम द्वारा एन्टी करप्शन ब्यूरो के रायपुर कार्यालय में शिकायत की गई थी कि उसकी पत्नी ग्राम पंचायत, कुकरापानी की सरपंच है।
शासन द्वारा उसके ग्राम पंचायत को आंगनबाडी भवन कार्य के लिये 11.69 लाख रुपए स्वीकृत किये गये थे। स्वीकृत धनराशि का आहरण जनपद पंचायत बोडला कार्यालय से होना था, लगभग 05.84 लाख रूपए ग्राम पंचायत को जारी भी कर दिये गये थे। परन्तु कार्यालय के सहायक लेखाधिकारी नरेन्द्र कुमार राउतकर द्वारा अगली किश्त जारी करने हेतु एक लाख रूपए रिश्वत की मांग की गई थी।
प्रार्थी रिश्वत नहीं देना चाहता था, बल्कि रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़वाना चाहता था। शिकायत सत्यापन के पश्चात् 12 सितंबर को ट्रेप आयोजित कर आरोपी नरेन्द्र कुमार राउतकर को प्रार्थी से 01 लाख रूपए रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया। ज्ञातव्य है कि उक्त आरोपी जनपद के अन्य ग्राम पंचायतों के सरपंचों से पूर्व में ही एक—एक लाख रूपए ले चुका था। सभी ग्रामों के सरपंच एकजुट होकर एसीबी में शिकायत किये थे जिस पर कार्यवाही की गई है। आरोपी के निवास स्थानों पर अनुपातहीन संपत्ति के संबंध में तलाशी की कार्यवाही जारी है।