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आगामी लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल जून, 2024 तक के लिए बढ़ा

नई दिल्ली
आगामी लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल जून, 2024 तक के लिए बढ़ा दिया गया है। दिल्ली में आयोजित बीजेपी की राष्ट्रीय परिषद ने इस प्रस्ताव को मंजूरी भी दे दी। हालांकि, नड्डा का कार्यकाल बढ़ाए जाने का ऐलान पिछले महीने ही कर दिया गया था। इसके अलावा, जेपी नड्डा को पार्टी से संबंधित स्वतंत्र रूप से महत्वपूर्ण फैसले लेने का अधिकार दिया गया है, जिसे बाद में संसदीय बोर्ड अप्रूवल लेना होगा।

साल 2019 में जेपी नड्डा को बीजेपी का वर्किंग प्रेसिडेंट बनाया गया था। इसके बाद 2020 में उन्होंने पूर्णकालिक पार्टी अध्यक्ष का पद संभाला। जेपी नड्डा से पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बीजेपी के अध्यक्ष थे। बतौर अध्यक्ष जेपी नड्डा के सामने सबसे बड़ी जिम्मेदारी आगामी लोकसभा चुनाव जितवाने की होगी। पिछले कुछ सालों में नड्डा के कार्यकाल के दौरान कई विधानसभा चुनाव हुए हैं, जिसमें बीजेपी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए जीत भी दर्ज की है। जनवरी में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में नड्डा के कार्यकाल के विस्तार की घोषणा करते हुए अमित शाह ने टिप्पणी की थी कि जेपी नड्डा के नेतृत्व में, बिहार में हमारा स्ट्राइक रेट सबसे अधिक था। एनडीए ने महाराष्ट्र में बहुमत हासिल किया, उत्तर प्रदेश में जीत हासिल की, और हमारी पश्चिम बंगाल में संख्या बढ़ी। हमने गुजरात में भी शानदार जीत दर्ज की।''

भाजपा लगातार तीसरी बार लोकसभा चुनाव जीतेगी: नड्डा
इससे पहले, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष जे.पी.नड्डा ने शनिवार को कहा था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सत्ता संभालने के बाद से पार्टी तेजी से आगे बढ़ी है। उन्होंने पिछले दशक में प्रधानमंत्री के नेतृत्व की सराहना की जो पार्टी संगठन के लिए नई उपलब्धियों से भरा रहा है। नड्डा ने यहां दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन में मौजूद प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि अप्रैल-मई में होने वाले लोकसभा चुनाव के बाद मोदी सरकार 'हैट्रिक' लगायेगी और लगातार तीसरी बार सत्ता बरकरार रखेगी। यहां प्रगति मैदान स्थित भारत मंडपम में आयोजित राष्ट्रीय अधिवेशन की दो दिवसीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और नड्डा सहित केंद्रीय मंत्री, पार्टी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री, राज्यों के मंत्री, राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय पदाधिकारी, सांसद और विधायक सहित लगभग 11,500 प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।