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बस्तर नक्सलियों का सबसे बड़ा केंद्र : नेता प्रतिपक्ष धरमलाल बोले- कम नहीं हो रही हिंसा… CM भूपेश वास्तविकता पर पर्दा डाल रहे…

इम्पैक्ट डेस्क.

छत्तीसगढ़ के नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने मुख्यमंत्री के बस्तर में नक्सलवाद कम होने और उनका दायरा सिमटने के दावे पर पलटवार किया है। कौशिक ने कहा कि नक्सली लगातार बस्तर में हिंसक वारदातों को अंजाम दे रहे हैं फिर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल किस आधार पर नक्सलियों पर लगाम कसने में सफल होने का दावा कर रहे हैं। नक्सलवाद रोकने में प्रदेश सरकार पूरी तरह नाकाम है। भूपेश सरकार साढ़े 3 साल में माओवादियों पर अंकुश लगाने कोई कदम नहीं उठा पाई। आखिर नक्सलियों के खिलाफ क्या लड़ाई लड़ना चाहती है, यह आज भी स्पष्ट नहीं है। 

धरमलाल कौशिक ने कहा कि बस्तर में नक्सल गतिविधियां लगातार जारी है। आम लोग नक्सलियों से परेशान हैं। पहले डर में नक्सली दूर-दराज के इलाकों में चले गए थे, लेकिन आज कल सड़क किनारे माओवादियों का मूवमेंट चल रहा है। नक्सली सड़कों को उखाड़ने में लगे हैं, उपकरण जला रहे हैं, अपहरण कर रहे हैं। सरकारी कर्मचारियों व सरपंचों की हत्या कर रहे हैं। जन अदालत लगाकार सजा दे रहे हैं। पूरे बस्तर में नक्सलियों का बोलबाला है। सीएम साढ़े 3 साल में नक्सल मूवमेंट को लेकर कोई कदम नहीं उठा पाए। क्या लड़ाई लड़ना चाहती है यह आज भी स्पष्ट नहीं है।

बस्तर में माओवाद को खत्म करने कोई प्लान नहीं  
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि छत्तीसगढ़ की सरकार के पास माओवादियों को खत्म करने के लिए कोई प्लान नहीं है। और यही कारण है कि नक्सलियों का मनोबल बढ़ा हुआ है। बस्तर में आम आदमी सुरक्षित नहीं है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व सरकार कितना दावा कर लें, लेकिन जमीनी सच्चाई कुछ और है। कौशिक ने कहा कि नक्सलियों ने वार्ता की शर्तें रखी हैं। नक्सलियों की शर्तों को सीएम क्या आगे ले जाएंगे, यह सरकार जानें। लेकिन मैं कह सकता हूं कि जिस प्रकार नक्सली गतिविधियां चल रही है। वह प्रदेश की जनता के लिए घातक है और बस्तर के लोगों के लिए अहितकारी है।

संविधान में विश्वास रखें, बातचीत को तैयार: सीएम
बता दें कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अभी बस्तर संभाग के दौरे पर हैं। वे विभिन्न गांवों में भेंट-मुलाकात कर रहे हैं। इस दौरान सीएम ने बस्तर में नक्सली घटनाओं में कमी आने, नक्सलवाद का दायरा सिमटने और फोर्स के दबाव में नक्सलियों के बैकफुट पर होने का दावा किया है। सीएम ने सुकमा जिले के दौरे के दौरान नक्सलियों से वार्ता की बात भी कही। सीएम ने कहा है कि नक्सली संविधान में विश्वास व्यक्त करें तो उनसे मैं बात करने के लिए कहीं भी आ सकता हूं। वहीं माओवादी संगठन के प्रवक्ता ने प्रेस नोट जारी कर वार्ता के लिए कई शर्तें रखी हैं।