बांग्लादेश का भी IPL से पत्ता साफ? चुपके से हो गया ‘खेला’, देश के किसी भी खिलाड़ी का नाम बोली के लिए नाम तक नहीं लिया गया
मुंबई
इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2025 सीजन का मेगा ऑक्शन सोमवार (25 नवंबर) को सऊदी अरब के जेद्दा में खत्म हुआ. दो दिन तक चले इस मेगा ऑक्शन में 10 टीमों ने 639.15 करोड़ रुपये खर्च कर कुल 182 खिलाड़ी खरीदे.
इस बार जहां ऋषभ पंत और श्रेयस अय्यर ने इतिहास रच दिया है. लखनऊ सुपर जायंट्स (LSG) ने 27 करोड़ में खरीदा. इस तरह वो IPL इतिहास के सबसे मंहगे क्रिकेटर बन गए हैं. दूसरे सबसे मंहगे क्रिकेटर श्रेयस बने, जिन्हें पंजाब किंग्स ने 26.75 करोड़ में खरीदा.
वहीं दूसरी ओर एक देश ऐसा भी रहा है, जिसका कोई खिलाड़ी नहीं बिका. बड़ी बात तो यह रही कि इस देश के 12 प्लेयर नीलामी में उतरे थे, लेकिन 2 खिलाड़ियों को छोड़कर किसी और का नाम भी बोली के लिए नहीं लिया गया.
पाकिस्तान के बाद बांग्लादेश भी हो रहा 'साइड लाइन'
इस तरह कह सकते हैं कि इस देश को 'चुपचाप' साइड लाइन कर दिया गया. हम बात कर रहे हैं बांग्लादेश की, जहां तख्तापलट के बाद हिंदुओं पर अत्याचार का मामला काफी गहराता जा रहा है. हाल ही में बांग्लादेश में हिंदू पुजारी और इस्कॉन के पूर्व प्रमुख चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी को गिरफ्तार किया गया है, जिस पर हंगामा मचा हुआ है.
इसी बीच IPL का मेगा ऑक्शन आ गया, जिसमें 12 बांग्लादेशी क्रिकेटर्स को शॉर्टलिस्ट किया गया था. इनमें मुस्ताफिजुर रहमान और रिशाद हुसैन का नाम ही बोली के लिए आया था, लेकिन उन्हें किसी ने नहीं खरीदा.
बाकी 10 खिलाड़ियों में लिटन दास, तस्कीन अहमद, शाकिब अल हसन, मेहदी हसन मिराज, शोरिफुल इस्लाम और तंजीम हसन साकिब जैसे स्टार भी शामिल रहे. मगर इनमें से किसी का भी नाम बोली तक नहीं पहुंचा. किसी ने भी इनको नहीं खरीदा.
इस तरह कह सकते हैं कि पाकिस्तान के बाद अब बांग्लादेश भी IPL से साइड लाइन होता जा रहा है. यदि ऐसा ही चलता रहा तो भविष्य में बांग्लादेशी क्रिकेटर्स पर भी IPL में बाहर रहने का खतरा मंडरा सकता है. इस लिस्ट के जरिए जानिए कौन सा बांग्लादेशी प्लेयर किस बेस प्राइस के साथ IPL नीलामी में उतरा था.
IPL मेगा ऑक्शन में उतरने वाले बांग्लादेशी क्रिकेटर
बांग्लादेशी प्लेयर | बेस प्राइस (INR) |
मुस्ताफिजुर रहमान (अनसोल्ड) | 2 करोड़ |
तस्कीन अहमद | 1 करोड़ |
शाकिब अल हसन | 1 करोड़ |
मेहदी हसन मिराज | 1 करोड़ |
शोरिफुल इस्लाम | 75 लाख |
तंजीम हसन साकिब | 75 लाख |
मेहदी हसन | 75 लाख |
नाहिद राणा | 75 लाख |
रिशाद हुसैन (अनसोल्ड) | 75 लाख |
लिटन दास | 75 लाख |
तौहीद हृदोय | 75 लाख |
हसन महमूद | 75 लाख |
एक ही IPL सीजन खेल सके पाकिस्तानी क्रिकेटर
बता दें कि IPL का पहला सीजन 2008 में खेला गया था. तब पाकिस्तान के कुल 11 खिलाड़ी आईपीएल में खेले थे. 2008 आईपीएल सीजन के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते अच्छे नहीं रहे और राजनीतिक तनाव के चलते पाकिस्तानी प्लेयर्स को आईपीएल में मौका नहीं दिया गया है. इस तरह पाकिस्तानी खिलाड़ियों को आईपीएल के पहले यानी 2008 सीजन में पहली और आखिरी बार मौका मिला था.
IPL के पहले सीजन में 11 पाकिस्तानी खिलाड़ियों ने धमाल मचाया था. यह प्लेयर सलमान बट, शोएब अख्तर, मोहम्मद हफीज, उमर गुल, कामरान अकमल, यूनुस खान, सोहेल तनवीर, मोहम्मद आसिफ, शोएब मलिक, शाहिद आफरीदी और मिस्बाह उल हक हैं.
तो क्या बांग्लादेशी क्रिकेटर्स को जान-बूझकर अनदेखा किया गया है, क्योंकि ऑक्शन के बाद उनकी बोली तक नहीं लगाई गई।
शाकिब अल हसन जैसे क्रिकेटर, जो पहले आईपीएल में बांग्लादेश का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं, उन्हें इस बार खरीदार नहीं मिल पाए, जिससे निराशा और बढ़ गई। हालांकि, कई प्रशंसकों का कहना है, कि बांग्लादेशी क्रिकेटर्स ने पिछले दिनों काफी खराब खेल दिखाया है और ना बिकने की वजह उनका प्रदर्शन है, ना की बांग्लादेश की मौजूदा हालात से कोई लेना देना है।
बांग्लादेश ने पिछले दिनों जब भारत के साथ तीन टी-20 मैच खेले थे, उस दौरान उनका काफी खराब प्रदर्शन रहा था और ना ही बल्लेबाज अपना कोई प्रभाव छोड़ पाए थे और ना ही गेंदबाज।
बांग्लादेश में हिंदुओं पर लगातार हो रहे हैं हमले
विवाद को और हवा देने वाली बात यह है कि ढाका में हिंदू नेता चिन्मय कृष्ण दास प्रभु की हाल ही में हुई गिरफ़्तारी ने बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ हो रहे व्यवहार को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं। पिछले कुछ सालों में बांग्लादेश में हिंदू समुदाय को हमलों, उनकी संपत्ति के विनाश और व्यवस्थागत भेदभाव का सामना करना पड़ा है, जिससे अशांति बढ़ रही है।
भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। कई लोग आईपीएल फ्रैंचाइजी से अल्पसंख्यकों पर हमलों में कथित मिलीभगत के कारण बांग्लादेशी खिलाड़ियों का बहिष्कार करने का आग्रह कर रहे हैं। एक यूजर ने कहा, "अगर आतंकवाद के कारण पाकिस्तान को आईपीएल से बाहर रखा जाता है, तो बांग्लादेश को हिंदुओं पर अत्याचार करने के लिए इसी तरह के परिणाम भुगतने चाहिए।"
बांग्लादेशी खिलाड़ियों को बाहर रखने से खेल और राजनीति के बीच के संबंध की ओर ध्यान खिंचा है। आईपीएल ने सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए पाकिस्तानी खिलाड़ियों को बाहर रखा है, लेकिन यह घटना इस बात पर प्रकाश डालती है, कि किस तरह व्यापक सामाजिक-राजनीतिक मुद्दे खिलाड़ियों के चयन को प्रभावित कर सकते हैं।