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अशोक चव्हाण के भाजपा में शामिल होते ही कांग्रेस को बड़े झटके लगने लगे, पालाबदल की तैयारी

मुंबई
अशोक चव्हाण के भाजपा में शामिल होते ही कांग्रेस को बड़े झटके लगने लगे हैं। पार्टी की गुरुवार सुबह एक मीटिंग थी, जिसमें 5 विधायक नहीं पहुंचे। इस बैठक में न पहुंचने वाले लोगों में से तीन अशोक चव्हाण के करीबी माने जाते हैं और नांदेड़ के हैं। मराठवाड़ा के इस इलाके में अशोक चव्हाण का अच्छा प्रभाव रहा है। चव्हाण के करीबी ये विधायक हैं- जितेश अंतपुरकर, मोहन हमबरडे, माधवराव पवार जवलगांवकर। इन लोगों के अलावा बाबा सिद्दीकी के बेटे जीशान सिद्दीकी भी नहीं पहुंचे। बाबा सिद्दीकी हाल ही में अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी में शामिल हो गए हैं। मुंबई के एक अन्य विधायक असलम शेख भी मीटिंग में नहीं दिखे।

पार्टी की एक अन्य विधायक सुलभ खोडके भी मीटिंग में नहीं गईं। वह अमरावती सीट की विधायक हैं। कहा जा रहा है कि वह भी जल्दी ही एनसीपी में शामिल हो जाएंगी। हालांकि कांग्रेस का कहना है कि उन्होंने पार्टी से पहले ही परमिशन ली थी कि वह नहीं पहुंच पाएंगी। हालांकि 4 लोगों के न पहुंचने की बात को पार्टी ने स्वीकार किया। पार्टी के राज्यसभा कैंडिडेट चंद्रकांत हांदोरे के नामांकन से पहले यह मीटिंग बुलाई गई थी। इसके अलावा इस मीटिंग में कांग्रेस यह भी जानना चाहती थी कि कौन विधायक उसके साथ हैं और कौन चव्हाण के पीछे भाजपा में जा सकते हैं।

मीटिंग से कुछ सांसदों के गायब रहने से राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग की आशंका भी पैदा हो गई है। हालांकि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले का कहना है कि पार्टी के सभी विधायक एकजुट हैं। यह बात 27 फरवरी को होने  वाले राज्यसभा चुनाव में दिख भी जाएगी। बता दें कि मंगलवार को ही महाराष्ट्र के पूर्व सीएम अशोक चव्हाण ने भाजपा का दामन थाम लिया था। तब से ही चर्चा है कि करीब एक दर्जन विधायक भी उनके बाद भाजपा में जा सकते हैं। हालांकि चव्हाण कह रहे हैं कि उन्होंने किसी विधायक से कांग्रेस छोड़ने के लिए नहीं कहा है।