Breaking NewsRaipur

अमित शाह ने बताया: विधानसभा में क्यों नहीं आए रमन सिंह; चुटकी लेते हुए बोले- सरल विषय मांगा था पर कठिन दे दिया

रायपुर.

छत्तीसगढ़ विधानसभा के प्रबोधन सत्र के आखिरी दिन केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि विधायक का रोल बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष डॉक्टर रमन सिंह नहीं आ पाए क्योंकि उनकी कमर में दर्द है, तो उन्हें चलने-फिरने में दिक्कत हो रही है। जब स्पीकर साहब और मुख्यमंत्री का फोन आया तो मैंने कहा कि सरल विषय देना, लेकिन उन्होंने सबसे कठिन विषय पकड़ा दिया है।

राजनीति में जो चुने हुए प्रतिनिधि होते हैं, उन्हें प्रभावी तरीके से कैसे काम करना है? ये बताना सबसे कठिन काम है। वह चुनकर जनप्रतिनिधि के रूप में आते तो उन्हें कौन, क्या, सिखा सकता है, राजनीति में कैसे काम करना है, ये उन्हें बताना बड़ा कठिन कार्य है। उन्होंने कहा कि व्यक्ति चाहे कितना भी अनुभवी क्यों न हो पर सीखने का समय और उम्र कभी खत्म नहीं होती है। जीवन के अंतिम सांस तक सीखते रहना ही सफलता का मूलमंत्र है। अगर सफल होना है तो हर घटना से, हर मुलाकात से, हर दिन से कुछ न कुछ सीखना चाहिए। जब देश को आजादी मिली, उसे वक्त जो लोकतंत्र के पंडित और मीडिया के विद्वान आशंका जता रहे थे कि भारत कैसे चलेगा। भारत खंड-खंड बिखर जाएगा लेकिन 75 साल हो चुके हैं, पीछे मुड़कर देखते हैं सभी राजनीतिक दलों ने मिलकर हमारे लोकतंत्र की जड़े पाताल से भी गहरी है। पूरी दुनिया को यह संदेश दिया है कि की हम सबसे बड़ी लोकतंत्र हैं। त्रि-स्तरीय लोकतांत्रिक व्यवस्था को हमने बड़ी सफलता के साथ न केवल आत्मसात किया है बल्कि इसे पूरी दुनिया में पहुंचाया भी है।

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने नए विधायकों से कहा कि चुने हुए जनप्रतिनिधि का जनता से संबंध काम आता है। एक जनप्रतिनिधि के पास तीन तरह के दायित्व होते हैं, जिनका हमें निर्वहन करना पड़ता है। कठोर बात भी शालीनता के साथ करनी चाहिए अगर आप कटुता से करेंगे तो संबंध खराब होता है। जो सोशल मीडिया का उपयोग कर जीत जाते हैं उन्हें मैंने हारते हुए भी देखा है।