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गर्दन दर्द से राहत पाने के लिए अल्कलाइन आहार: विराट कोहली का उपाय

विराट कोहली एक अच्‍छे क्रिकेटर हैं और फिटनेस आइकन भी हैं। वे क्‍या खाते हैं और क्‍या पीते हैं, लोग जानने के लिए हमेशा उत्‍सुक रहते हैं। वैसे तो आप जानते होंगे कि विराट कोहली साधारण पानी नहीं, बल्कि ब्‍लैक अल्‍कलाइन वॉटर पीते हैं। इस पानी में 70 प्रतिशत मिनरल्‍स का संचार होता है। लेकिन अब उनकी डाइट को लेकर न्‍यूट्रिशन एक्‍सपर्ट नेहा सहाय ने एक और खुलासा किया है। उन्‍होंने इंस्‍टाग्राम पर एक पोस्‍ट शेयर करते हुए विराट कोहली का डाइट सीक्रेट बताया है।

उन्होंने एक वीडियो भी पोस्‍ट की है, जिसमें विराट कोहली ने बताया है कि वे अल्‍कलाइन डाइट लेते हैं। इसने उनकी हड्डियों को मजबूत बनाने और गर्दन के दर्द को कम करने में बहुत मदद की है। बता दें कि उम्र बढ़ने के साथ हमारी हड्डियों में कमजोरी आने लगती है और ये पतली हो जाती हैं। खासतौर से 35 वर्ष से कम उम्र के लोगों के लिए यह चिंता का विषय है। ऐसे में कोहली की अल्‍कलाइन रिच डाइट को फॉलो करने से बॉडी के पीएच लेवल को बैलेंस किया जा सकता है।

क्‍या होती है अल्कलाइन डाइट

नेहा सहाय ने बताया कि अल्कलाइन डाइट का मतलब उन खाद्य पदार्थों से है, जिन्हें खाने से बॉडी का पीएच लेवल मेंटेन रहता है। पीएच से मतलब है कि शरीर में एसिड और अल्‍कलाइन की मात्रा ठीक बनी रहे। यह आमतौर पर 7.35 से 7.45 के बीच होती है। इसके विपरीत, डाइजेशन में हेल्‍प और हानिकारक बैक्टीरिया से निपटने के लिए पेट लगभग 1.5 से 3.5 का अम्लीय पीएच बनाए रखता है।

अल्‍कलाइन और एसिडिक फूड के बीच संतुलन जरूरी

बेहतर स्‍वास्‍थ्‍य के लिए एसिडिक और अल्‍कलाइन फूड के बीच संतुलन होना बहुत जरूरी है। जबकि बेहतर डाइजेशन के लिए एसिड की जरूरत होती है। इसे बढ़ाने के लिए आप अपनी डाइट में फल, सब्‍जी, मेवे, बीज, फलियां और कुछ तरह के अनाज को शामिल कर सकते हैं। न्यूट्रिशन एक्‍सपर्ट के अनुसार, हर दिन सब्जियों का सूप पीना अपनी डाइट को अल्‍कलाइन बनाने की दिशा में पहला कदम है।

ये हैं अल्‍कलाइन फूड

फल- एवोकाडो, केले, जामुन और खरबूजे का सेवन करें।

सब्जियां- पालक, केल, ब्रोकोली और खीरे का सेवन करना चाहिए।

मेवे और बीज- बादाम, चिया बीज और अलसी के बीज से अपने शरीर को पोषण दे सकते हैं।

फलियां- दालें, छोले और फलियां। हड्डियों के मजबूत स्वास्थ्य में इनका बहुत अच्‍छा योगदान होता है।

बाजरा- बाजरे में अल्‍कलाइन गुण होते हैं। फाइबर से भरपूर होने के कारण ये कब्ज को रोकता है।

यहां बताए गए खाद्य पदार्थों में अल्‍कलाइन गुण होते हैं। अगर आप ये आहार ले रहे हैं, तो ध्‍यान रखना भी जरूरी है कि पीएच लेवल संतुलित रहे। क्‍योंकि एक बार शरीर का पीएच लेवल बिगड़ जाए, तो बॉडी काफी एसिडिक हो जाती है। जिससे शरीर में कई तरह की बीमारियां और कमजोरी महसूस होने लगती है।