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केरल के तीन जिलों में वेस्ट नाइल बुखार को लेकर अलर्ट जारी, स्वास्थ्य विभाग ने जारी किए दिशा-निर्देश

केरल के तीन जिलों में वेस्ट नाइल बुखार को लेकर अलर्ट जारी, स्वास्थ्य विभाग ने जारी किए दिशा-निर्देश

बाबा केदार की पंचमुखी डोली फाटा से तीसरे पड़ाव गौरीकुंड के लिए रवाना

प्रशांत किशोर की सलाह, लालू से पूछना चाहिए आज तक मुसलमानों को डिप्टी सीएम क्यों नहीं बनाया

नई दिल्ली
केरल में वेस्ट नाइल बुखार तेजी से फैल रहा है। केरल में अब तक इस बुखार के पांच मरीज सामने आ चुके हैं। राज्य स्वास्थ्य विभाग ने मलप्पुरम, कोझिकोड और त्रिशूर जिले में अलर्ट जारी किया है। स्थिति को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने आपात बैठक बुलाई और बचाव के दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं।

केरल सरकार के स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक पिछले सप्ताह स्वास्थ्य विभाग की उच्च स्तरीय बैठक हुई। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ने मानसून से पूर्व साफ-सफाई आदि गतिविधियों में तेजी लाने के निर्देश दिए थे। साथ ही जिला चिकित्सा के पदाधिकारियों को भी निर्देश दिए थे कि वे अपनी गतिविधियों में तेजी लाएं। जिला वेक्टर नियंत्रण इकाई द्वारा कई जगहों से नमूने एकत्र किए गए हैं। सभी नमूनों को परीक्षण के लिए भेजा गया है। स्वास्थ्य विभाग ने जागरुकता कार्यक्रम भी चलाने के लिए कहा है।

क्या है वेस्ट नाइल बुखार?

वेस्ट नाइल बुखार क्यूलेक्स प्रजाति के मच्छरों से फैलता है। युगांडा में 1937 में पहली बार इसका पता चला था। 2011 और 2022 में वेस्ट नाइल बुखार के मामले सामने आए थे। अगर बुखार का सही समय पर इलाज न किया जाए तो यह जानलेवा भी साबित हो सकता है। साल 2011 में पहली बार इस बुखार का पता चला था और 2019 में इसका एक मामला आया था। इसके बाद 2022 में भी वेस्ट नाइल बुखार का मामला सामने आया था। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक वेस्ट नाइल वायरस संक्रमित होने वाले लगभग 20 प्रतिशत लोगों में वेस्ट नाइल बुखार विकसित होगा। लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, थकान और शरीर में दर्द, मतली, उल्टी, कभी-कभी त्वचा पर चकत्ते (शरीर के धड़ पर) और सूजी हुई लिम्फ ग्रंथियां शामिल हैं।

 

बाबा केदार की पंचमुखी डोली फाटा से तीसरे पड़ाव गौरीकुंड के लिए रवाना

देहरादून/फाटा
भगवान केदारनाथ की पंचमुखी डोली  सुबह प्रात: 8ः45 बजे फाटा से तीसरे पड़ाव गौरामाई मंदिर गौरीकुंड के लिए रवाना हुई। केदारनाथ धाम के कपाट 10 मई को खुलने हैं। इस मौके पर जगह-जगह लोगों ने फूल बरसाए। स्कूली बच्चों और अन्य ने बाबा केदार का जयघोष किया। छह मई को देवडोली ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ से विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी से प्रवास के लिए पहुंची और सात मई को दूसरे पड़ाव फाटा पहुंची थी।

भगवान केदारनाथ की चलविग्रह उत्सव पंचमुखी मूर्ति की देवडोली को बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के स्वयंसेवक एवं हक- हकूकधारी पांवों में बिना कुछ पहने पैदल चलते हुए शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ से केदारनाथ धाम तक पहुंचाते हैं।

बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया कि देश-विदेश के सैकड़ों श्रद्धालु भी डोली के साथ-साथ केदारनाथ जा रहे है। पंचमुखी डोली के गौरीकुंड प्रस्थान के समय विष्णु प्रसाद कुर्मांचली, केदारनाथ धाम के पुजारी शिवशंकर लिंग, कार्याधिकारी आरसी तिवारी, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी डीएस भुजवाण एवं यदुवीर पुष्पवान, डोली प्रभारी प्रदीप सेमवाल, संजय तिवारी,भरत कुर्मांचली,कुलदीप धर्म्वाण, आलोक बजवाल, संजय कुकरेती आदि मौजूद रहे।

 

प्रशांत किशोर की सलाह, लालू से पूछना चाहिए आज तक मुसलमानों को डिप्टी सीएम क्यों नहीं बनाया

पटना
चर्चित चुनावी रणनीतिकार और बिहार में जन सुराज पदयात्रा कर रहे प्रशांत किशोर ने  कहा कि मुसलमान 32 साल से लालटेन को वोट दे रहे हैं, समय आ गया है जब मुसलमानों को राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव से पूछना चाहिए कि मुसलमान को आजतक उप-मुख्यमंत्री क्यों नहीं बनाया या कोई बड़ा मंत्रालय क्यों नहीं दिया।

पत्रकार वार्ता के दौरान किशोर ने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि जब तक आप समाज में सुधार नहीं लाएंगे, आपके बच्चे गुजरात और तमिलनाडु में जाकर मजदूरी ही करेंगे, फिर यहां के लोगों का भला कैसे होगा।

उन्होंने कहा, “मैं बिहार में 18 महीने से पैदल चल रहा हूं, 5 हजार से ज्यादा गांव में जाने के बाद मैं रोज मंच से कहता हूं कि दलितों के बाद सबसे ज्यादा गरीब, बदहाल, फटेहाल अगर बिहार में कोई है तो वह मुसलमान है। लेकिन, 32 साल से मुसलमानों ने राजद का साथ नहीं छोड़ा है।”

उन्होंने कहा, इसके बावजूद 30-32 सालों में मुसलमानों ने राजद से कभी नहीं पूछा कि आपके नेता सड़क और ग्रामीण कार्य मंत्री रहे फिर हमारे गांव में सड़क, नाली और गली क्यों नहीं बनी? आप स्वास्थ्य मंत्री थे फिर बच्चों के लिए अस्पताल और दवा क्यों नहीं है? आप शिक्षा मंत्री थे फिर हमारे बच्चों की शिक्षा की व्यवस्था क्यों नहीं है? मुसलमान इन सारी परेशानियों के बावजूद लालटेन को वोट देता है।