आठ महीने बाद मोहन यादव सरकार ने मंत्रियों को जिलों का प्रभार सौंप दिया
भोपाल
मंत्रियों को जिलों के प्रभार का इंतजार सोमवार रात खत्म हो गया। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंत्रियों को आठ महीने बाद जिलों का प्रभार सौंप दिया। सोमवार रात को मंत्रियों के प्रभार की सूची जारी कर दी गई। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इंदौर का प्रभार अपने पास रखा है। वहीं, नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय को सतना और धार दो जिलों का प्रभार सौंपा है।
इसके अलावा उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा को जबलपुर, देवास और राजेंद्र शुक्ल को सागर व शहडोल का जिम्मा दिया गया। मंत्री कुंवर विजय शाह को रतलाम, झाबुआ, प्रहलाद पटेल को भिंड, रीवा, राकेश सिंह को छिंदवाड़ा, नर्मदापुरम, मंत्री करण सिंह वर्मा को मुरैना, सिवनी, मंत्री उदय प्रताप सिंह को बालाघाट, कटनी, मंत्री संपतिया उइके को सिंगरौली, अलीराजपुर, तुलसी सिलावट को ग्वालियर, बुरहानपुर, एदल सिंह कंसाना को दतिया, छतरपुर, निर्मला भूरिया को मंदसौर, नीमच, गोविंद सिंह राजपूत को नरसिंहपुर, गुना, विश्वास सारंग को खरगोन, हरदा, नारायण सिंह कुशवाह को शाजापुर, निवाड़ी, नागर सिंह चौहान को आगर और उमरिया, प्रद्युम सिंह तोमर को शिवपुरी, पांढूर्ना, चैतन्य कुमार काश्यप को भोपाल, राजगढ़, इंदर सिंह परमार को पन्ना, बड़वानी, राकेश शुक्ला को श्योपुर, अशोकनगर, रामनिवास रावत को मंडला, दमोह, कृष्णा गौर को सीहोर, टीकमगढ़ का प्रभारी बनाया गया है। वहीं धर्मेंद्र सिंह लोधी को खंडवा, दिलीप जायसवाल को सीधी, गौतम टेटवाल को उज्जैन, लखन पटेल को विदिशा, मऊगंज, नारायण सिंह पवार को रायसेन, नरेंद्र शिवाजी पटेल को बैतूल, प्रतिभा बागरी को डिंडौरी, दिलीप अहिरवार को अनुपपूर और राधा सिंह को मैहर का प्रभार सौंपा है।
इंदौर है मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी
दरअसल, मध्य प्रदेश में 55 जिले हैं। इनमें सबसे अहम और रेवन्यू वाला जिला इंदौर ही है। इंदौर संभाग भी है और मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी है। इस वजह से इंदौर एमपी का मिनी मुंबई भी कहा जाता है। इंदौर मध्य प्रदेश का आइना है। इसलिए प्रदेश में सबसे अहम माना जाता है। सीएम मोहन यादव का गृह जिला उज्जैन है। वह इंदौर की कार्यप्रणाली से वाकिफ हैं। ऐसे में उन्होंने नई सरकार में एक नई परंपरा शुरू की है औऱ जिले का प्रभार भी खुद के पास रखा है। इंदौर के प्रभारी सीएम खुद होंगे।
कद्दावर कैलाश विजयवर्गीय को धार और सतना का प्रभार
वहीं, मोहन सरकार में कैलाश विजयवर्गीय की गिनती कद्दावर मंत्रियों में होती है। जिलों के प्रभार बंटने से पहले यह कयास लगाए जा रहे थे कि उन्हें राजधानी भोपाल का प्रभार मिल सकता है। प्रभारी मंत्रियों की अंतिम सूची आने के बाद कैलाश विजयवर्गीय को सतना और धार जिले के प्रभार मिला है। हालांकि प्रदेश की सियासत में देखें तो उन जिलों की उतनी दमदारी नहीं है। भोपाल न मिलने पर सियासी पंडितों को अनुमान था कि किसी संभाग वाले जिले का प्रभार तो मिलेगा ही लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अब इसके अलग-अलग सियासी मायने निकाले जा रहे हैं।
प्रहलाद सिंह पटेल को मिला भिंड और रीवा का प्रभार
इसके साथ ही मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल भी मोहन सरकार में कद्दावर नेता हैं। उन्हें भिंड और रीवा जिले का प्रभार मिला है। रीवा संभाग भी है। रीवा संभाग में ही सतना जिला आता है। इसके साथ ही चंबल अंचल में आने वाले भिंड जिले का प्रभार भी प्रहलाद पटेल को मिला है। ऐसे में उनकी स्थिति ठीक दिख रही है।
दोनों डेप्युटी सीएम को मिले अहम जिले
वहीं, मोहन सरकार में दो डेप्युटी सीएम हैं। दोनों को अहम जिले मिले हैं। डेप्युटी सीएम जगदीश देवड़ा के पास जबलपुर और देवास का प्रभार है। दोनों ही जिले आर्थिक दृष्टिकोण से काफी अहम हैं। इसके साथ ही डेप्युटी सीएम राजेंद्र शुक्ल को सागर और शहडोल जिले का प्रभार मिला है। दोनों ही जिले संभाग हैं। ऐसे में यह साफ है कि सभी अहम जिले सरकार में की रोल की भूमिका वाले लोगों को ही मिला है।
सिंधिया के करीबी के पास ही रहा ग्वालियर
इसके अलावे ग्वालियर जिले के प्रभार में कथित रूप से सिंधिया की पसंद का ख्याल रखा गया है। उनके करीबी तुलसी सिलावट को इंदौर का प्रभारी मंत्री बनाया गया है। इसके साथ ही कद्दावर मंत्री राकेश सिंह को छिंदवाड़ा और नर्मदापुरम का प्रभारी बनाया गया है। उद्योग मंत्री चेतन्य काश्यप को भोपाल और राजगढ़ का प्रभारी बनाया गया है।
क्या कैलाश विजयवर्गीय का कद घट गया?
हालांकि सियासी गलियारों जो चर्चा चल रही है, उस पर वरिष्ठ पत्रकार अरुण दीक्षित ने नवभारत टाइम्स.कॉम से बात करते हुए कहा कि कैलाश विजयवर्गीय का कद बहुत बड़ा है लेकिन उनको धार और सतना जैसे जिले का प्रभार दिया गया है। उनको इतनी दूर भेजा गया, जिससे लगता है कि प्रसनैलिटी क्लैश है। उन्हें संभाग स्तर पर भी नहीं रखा गया है। वहीं, सीएम ने खुद के पास इंदौर रखकर यह संदेश दिया है कि वह किसी को छूट नहीं देना चाहते हैं। हालांकि इस तरह की चर्चाएं हैं कि कुछ मंत्री नाखुश हैं। आने वाले दिनों मतभेद सामने आ सकते हैं।
यहां देखें किसे किस जिले का मिला प्रभार
क्रमांक | मंत्री का नाम | मंत्री के प्रभार वाला जिला |
1 | डॉ मोहन यादव | इंदौर |
2 | जगदीश देवड़ा | जबलपुर और देवास |
3 | राजेन्द्र शुक्ला | सागर औऱ शहडोल |
4 | कुंवर विजय शाह | रतलाम और झाबुआ |
5 | कैलाश विजयवर्गीय | सतना और धार |
6 | प्रहलाद पटेल | भिंड और रीवा |
7 | राकेश सिंह | छिंदवाड़ा और नर्मदापुरम |
8 | करण सिंह वर्मा | मुरैना और सिवनी |
9 | उदय प्रताप सिंह | बालाघाट और कटनी |
10 | संपतिया उइके | सिंगरोली और अलीराजपुर |
11 | तुलसी सिलावट | ग्वालियर और बुरहानपुर |
12 | एंदल सिंह कंसाना | दतिया और छतरपुर |
13 | निर्मला भूरिया | मंदसौर और नीमच |
14 | गोविंद सिंह राजपूत | नरसिंहपुर और गुना |
15 | विश्वास सारंग | खरगोन और हरदा |
16 | नारायण सिंह कुशवाहा | शाजापुर और निवाड़ी |
17 | नागर सिंह चौहान | आगर और उमरिया |
18 | प्रद्युमन सिंह तोमर | शिवपुरी और पांढ़ूर्णा |
19 | चेतन्य कश्यप | भोपाल और राजगढ़ |
20 | इंदर सिंह परमार | पन्ना और बड़वानी |
21 | राकेश शुक्ला | श्योपुर और अशोकनगर |
22 | रामनिवास रावत | मंडला और दमोह |
23 | कृष्णा गौर | सीहोर और टीकमगढ़ |
24 | धर्मेंद्र सिंह लोधी | खंडवा |
25 | दिलीप जायसवाल | सीधी |
26 | गौतम टेटवाल | उज्जैन |
27 | लखन पटेल | विदिशा और मऊगंज |
28 | नारायण सिंह पंवार | रायसेन |
29 | नरेन्द्र शिवाजी पटेल | बैतूल |
30 | प्रतिमा बागरी | डिंडोरी |
31 | दिलीप अहिरवार | अनूपपुर |
32 | राधा सिंह | मैहर |