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वेटिकन की तर्ज पर बनेगा एक अलग मुस्लिम देश, महिलाओं को भी सम्पूर्ण आजादी का प्लान

 न्यूयॉर्क

वेटिकन सिटी को दुनिया का सबसे छोटा देश माना जाता है और कहा जाता है कि ईसाई धर्म की 'शीर्ष सत्ता' यहीं पर कायम है। पोप यहीं बैठते हैं और धर्म से जुड़े मामलों पर यहीं से राय देते हैं। वेटिकन सिटी को एक देश का ही दर्जा प्राप्त है। इसी तर्ज पर एक मुस्लिम मौलवी ने भी एक देश बनाने की कोशिश की है, जहां से मुस्लिमों के मामले डील किए जाएंगे। यह देश अलबानिया की राजधानी तिराना में होगा। यह दुनिया का सबसे छोटा मुल्क होगा। इसका एरिया न्यूयॉर्क सिटी के 5 ब्लॉक जितना होगा। यहां शराब की मंजूरी होगी और महिलाओं को भी जो चाहें पहनने की आजादी होगी। उन पर लाइफस्टाइल से जुड़ी पाबंदियां नहीं रहेंगी।

तिराना नाम से अलग मुल्क बनाने की कोशिश में जुटे मौलवी एडमंड ब्रहीमाज कहते हैं कि खुदा ने किसी भी चीज को लेकर रोक नहीं लगा रखी है। इसीलिए उसने हमें दिमाग दिया है कि हम तय करें कि क्या करना है। बाबा मोंडी के नाम से चर्चित एडमंड कहते हैं कि यह 27 एकड़ में बना देश होगा, जिसे अलबानिया एक अलग मुल्क के तौर पर विकसित करने को राजी है। इसका अपना प्रशासन होगा, सीमाएं तय होंगी और लोगों को पासपोर्ट भी जारी किए जाएंगे। अलबानिया के प्रधानमंत्री ईदी रामा ने भी कहा है कि वह ऐसे एक देश के बारे में ऐलान करेंगे। यह देश इस्लाम की सूफी परंपरा से जुड़े बेक्टाशी ऑर्डर के नियमों को मानेगा।

बेक्टाशी ऑर्डर की शुरुआत 13वीं सदी में ऑटोमन साम्राज्य के दौरान हुई थी। फिलहाल बेक्टाशी ऑर्डर के मुखिया बाबा मोंडी है, जो 65 साल के हैं और पूर्व में अलबानिया की सेना में भी रह चुके हैं। उनकी दुनिया के लाखों मुसलमानों के बीच मान्यता है, जो उन्हें हाजी डेडे बाबा के नाम से भी जानते हैं। बेक्टाशी ऑर्डर का ताल्लुक शिया सूफी संप्रदाय से हैं, जिसकी जड़े 13वीं सदी के दौर में तुर्की में पाई जाती हैं, लेकिन अब इस समुदाय का बेस अलबानिया है। अलबानिया के पीएम ईदी रामा का कहना है कि नया मुस्लिम स्टेट हम इसलिए बना रहे हैं ताकि इस्लाम के उदारवादी चेहरे को दुनिया के सामने रखा जा सके। इसमें हमें गर्व होगा।

ईदी रामा ने कहा कि हमें इस खजाने की रक्षा करनी चाहिए, जिसका अर्थ धार्मिक सहिष्णुता से है और इसे कभी हल्के में नहीं लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम जो नया देश बनाने जा रहे हैं, वह पूर्वी तिराना में होगा। इसका साइज वेटिकन सिटी से भी एक चौथाई के बराबर होगा। इसमें लोगों पर पाबंदियां नहीं रहेंगी और उन्हें अपने तरीके से जीने का मौका मिलेगा। बाबा मोंडी का कहना है कि हम मानते हैं कि ईश्वर हम पर कोई बंदिश नहीं लगाता। उसने इसीलिए हमें दिमाग दिया है ताकि हम अपने विवेक से तय करें कि क्या चीज हमारे लिए गलत है और क्या सही है।