Madhya Pradesh

मध्यप्रदेश में ई-गवर्नेंस की नई शुरुआत हुई, प्रणाली 3 चरणों में पूरे प्रदेश में लागू की जाएगी

भोपाल
 नए साल का पहला दिन मध्यप्रदेश में सुशासन की पहल का साक्षी बना है। मध्यप्रदेश की डॉ. मोहन यादव सरकार ने ई-गवर्नेंस की नई शुरुआत की है। प्रदेश में ई-ऑफिस सिस्टम लागू हुआ है।

इसके बाद से मुख्यमंत्री कार्यालय, मुख्य सचिव कार्यालय सहित सभी विभागों में ई-ऑफिस सिस्टम लागू हो गया। यानी कागजी नोटशीट फाइलें नहीं चलेंगी, उनकी बजाए ऑनलाइन फाइलें इधर से उधर जाएंगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मुख्यमंत्री निवास स्थित समत्व भवन से ई-ऑफिस प्रणाली की शुरुआत की।
डिजिटिलाइजेशन के साथ आगे बढ़ रही मोहन सरकार

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि कई जन हितैषी कार्यक्रमों, गरीब, महिला, किसान और युवा वर्ग के कल्याण को फोकस करते हुए एमपी सरकार डिजिटिलाइजेशन के जरिए आगे बढ़ना चाहती है। मुख्यमंत्री कार्यालय सहित मुख्य सचिव अनुराग जैन ने भी मुख्य सचिव कार्यालय में ई-ऑफिस प्रणाली से काम शुरू कर दिया है।

क्या है ई-ऑफिस प्रणाली

ई-ऑफिस, ऑनलाइन प्रणाली है। इसमें अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक कम्प्यूटर पर बैठकर अपनी फाइलें निपटाएंगे। इससे यह पता चल जाएगा कि कौन सी फाइल किस के पास लंबित है। पुरानी नस्तियों को भी इसमें ढूंढा जा सकेगा। इससे शासकीय कार्य तेजी से संपादित हो सकेंगे। उच्च स्तर पर इसकी मॉनिटरिंग भी आसान होगी।
3 चरणों में प्रदेश में होगा लागू

आपको बता दें कि ई-ऑफिस सिस्टम 3 चरणों में पूरे प्रदेश में लागू किया जा रहा है। पहले चरण के तहत 1 जनवरी से मंत्रालय में पूरी तरह लागू किया जा चुका है। अब मंत्रालय में सभी फाइलों का मूवमेंट सिर्फ इलेक्ट्रॉनिक मोड (ई-फाइल) में ही हो सकेगा। पूरी कार्रवाई पेपरलेस हो जाएगी। दूसरे चरण के तहत सभी विभाग प्रमुखों के कार्यालय और तीसरे चरण में सभी जिला स्तर के कार्यालयों को ई-ऑफिस प्रणाली में जोड़ा जाएगा। पर इसके लिए अंतिम समय तय नहीं किया गया है। इससे पहले मंत्रालय में हाईब्रिड मोड में काम किया जा रहा था। कुछ काम ई-फाइल के जरिए तो कुछ पी-फाइल (पेपर फाइल) के जरिए होते थे। अब सबकुछ ई-फाइल में तब्दील किया गया है।