पुस्तक मेले में दूसरे दिन बड़ी संख्या में अभिभावक व बच्चे पहुँचे, जमकर की खरीददारी
ग्वालियर
रविवार की छुट्टी होने की वजह से दूसरे दिन पुस्तक मेले में अच्छी-खासी संख्या में अभिभावक अपने बच्चों के साथ पहुँचे। जाहिर है उन्होंने विशेष छूट प्राप्त कर किताबों, यूनीफॉर्म व स्टेशनरी की जमकर खरीददारी की, साथ ही मेले के फूड स्टॉल में लजीज चाट-पकौड़ों, सॉफ्टी व आइसक्रीम का लुत्फ भी उठाया। एक ही परिसर में सुविधाजनक तरीके से पाठ्य सामग्री व स्कूल ड्रेस मिल जाने से बच्चे व उनके अभिभावक गदगद नजर आए और खरीददारी के बाद पुस्तक मेला लगाने के लिये मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव व जिला प्रशासन के प्रति धन्यवाद व्यक्त करते हुए अपने घर लौटे।
पुस्तक मेले से तीसरी कक्षा में अध्ययनरत अपने बेटे प्रणव को पुस्तकें दिलाकर घर जा रहे श्री महेन्द्र जोशी बोले कि यहाँ पर डिस्काउंट पर किताबों के साथ मेले का आनंद भी मिल रहा है। जब बाजार में खरीदने जाते थे तो पार्किंग से लेकर तमाम असुविधाओं का सामना करना पड़ता था। पुस्तक मेला लगाकर जिला प्रशासन ने सराहनीय पहल की है। इसी तरह कार्मल कॉन्वेंट सीनियर सेकेण्ड्री स्कूल में पढ़ रही अपनी बिटिया के लिये पुस्तक खरीदने आए श्री भूपेश माहौर का कहना था कि एक ही जगह पर पाठ्य सामग्री व यूनीफॉर्म दिलाने की पहल सराहनीय है। इसके लिये हम मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के विशेष तौर पर आभारी हैं, जिनके निर्देश पर जिला प्रशासन ने यह पुस्तक मेला लगाया है।
लिटिल एंजल स्कूल में पढ़ रही अपनी बेटियों अवंतिका सिंह व अलंकृति सिंह के लिये पुस्तकें खरीदने आए डॉ. अनुराग सिंह सिकरवार भी काफी खुश नजर आए। उनका कहना था कि एक ही प्लेटफॉर्म पर सभी तरह की पठन-पाठन सामग्री दिलाने की पहल हर दृष्टि से सराहनीय है। इसके लिये हम मुख्यमंत्री के प्रति धन्यवाद व्यक्त करते हैं।
ज्ञात हो आकाशवाणी – मेला रोड पर सूर्य नमस्कार तिराहे के समीप स्थित शिल्प बाजार में सात दिवसीय पुस्तक मेला लगाया गया है। यह मेला 29 मार्च तक जारी रहेगा। पुस्तक मेले में किताबें, ड्रेस व स्टेशनरी की खरीदी पर दुकानदारों द्वारा सभी तरह के डिस्काउंट के अलावा अतिरिक्त छूट दी जा रही है।
जरूरतमंद बच्चों के लिये लाइन में लगकर पुस्तकें दान कर रहे हैं अभिभावक
शिल्प बाजार में लगे पुस्तक मेले में प्रवेश करते ही दांई ओर बुक बैंक सेक्टर बनाया गया है। यहाँ पर सुकूनदायी एवं प्रेरणादायी दृश्य दिल को छू रहे हैं। शहरवासी यहाँ कक्षावार बने काउण्टर पर अपने बच्चों की पिछली कक्षाओं की पुस्तकें लाइन में लगकर दान कर रहे हैं। बुक बैंक में जमा हो रहीं पुस्तकें जिला प्रशासन द्वारा आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के बच्चों को उपलब्ध कराई जायेंगीं।