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सिद्दरमैया ने कहा कि मातृभाषा में बोलना गर्व की बात है, कर्नाटक में रहने वालों को कन्नड़ सीखना चाहिए

बेंगलुरु
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दरमैया ने कहा कि कन्नड़ भाषा, भूमि और जल की रक्षा करना यहां के लोगों की जिम्मेदारी है। उन्होंने राज्य में रहने वाले लोगों से अपील की कि वह कन्नड़ भाषा सीखें। वह बेंगलुरु में एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। सिद्दरमैया ने कहा कि मातृभाषा में बोलना गर्व की बात होनी चाहिए। सभी को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कर्नाटक में रहने वाले लोगों के साथ कन्नड़ में बात करें। एक प्रण लेना चाहिए कि कर्नाटक में कन्नड़ के सिवाय कोई और भाषा नहीं बोलेंगे।

कर्नाटक के लोग उदार हैं- सिद्दरमैया
उन्होंने कहा कि कर्नाटक के लोग उदार हैं। यही कारण है कि जो कन्नड़ नहीं भी जानते हैं वह बिना इसे जाने यहां रह रहे हैं। ऐसी ही समान स्थिति तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और केरल में नहीं है। वे सिर्फ मातृभाषा में बात करते हैं। हमें भी इसका अनुसरण करना चाहिए।

विधान सौध में बन रही नाद देवी भुवनेश्वरी की कांस्य प्रतिमा
सीएम सिद्दरमैया विधान सौध के पश्चिमी प्रवेश द्वार के पास नाद देवी भुवनेश्वरी की कांस्य प्रतिमा के निर्माण के लिए भूमि पूजा के बाद सभा को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि विधान सौध के परिसर में लगभग 25 फीट ऊंची कांस्य प्रतिमा का निर्माण किया जाएगा। यह एक नवंबर 2024 तक काम पूरा हो जाना चाहिए।