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मुद्रास्फीति के चालू वित्त वर्ष में औसतन 4.5 प्रतिशत रहने की उम्मीद: क्रिसिल

कोलकाता

 अग्रणी रेटिंग एवं आर्थिक शोध कंपनी क्रिसिल ने चालू वित्त वर्ष 2024-25 में मुद्रास्फीति के औसतन 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है।क्रिसिल ने कहा, ‘‘ मानसून की सामान्य स्थिति को देखते हुए हम उम्मीद करते हैं कि खाद्य मुद्रास्फीति में नरमी आएगी, जबकि गैर-खाद्य मुद्रास्फीति में वृद्धि हो सकती है। जिंस कीमतों में नरमी के कारण इसके नरम बने रहने की उम्मीद है।’’

रेटिंग कंपनी ने कहा कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) मुद्रास्फीति मई में मामूली रूप से घटकर 4.75 प्रतिशत हो गई, जो अप्रैल 2024 में 4.8 प्रतिशत थी।

क्रिसिल की रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘ गैर-खाद्य श्रेणियों ने मुख्य मुद्रास्फीति को नीचे खींचा है, लेकिन चिंता की बात यह है कि खाद्य श्रेणियों अनाज तथा दालों में लगातार वृद्धि हो रही है।’’

क्रिसिल ने कहा कि शहरी अर्थव्यवस्था को सख्त ऋण शर्तों से नियंत्रित किया जा सकता है। हाल के महीनों में बैंक खुदरा ऋण वृद्धि में कमी आई है, जबकि एनबीएफसी को बैंक ऋण देने पर प्रतिबंध लगाने के विनियामक उपायों का असर उपभोक्ता ऋणों पर भी पड़ेगा।

रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘ सरकार के अच्छे पूंजीगत व्यय के बावजूद, राजकोषीय समेकन के कारण इसके पिछले वर्ष की तुलना में कम रहने का अनुमान है।’’

इसमें कहा गया कि धीमी वैश्विक वृद्धि से वस्तु निर्यात में वृद्धि बाधित हो सकती है, जिससे इस वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर घटकर 6.8 प्रतिशत रह जाएगी, जो पिछले वर्ष 8.2 प्रतिशत थी।

 

भेल को अडाणी पावर से दो बिजली संयंत्रों के लिए 7,000 करोड़ रुपये के ठेके मिले

नई दिल्ली
 सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी भेल को अडाणी पावर से 7,000 करोड़ रुपये के दो बिजली संयंत्रों के ठेके मिले हैं।

भेल ने एक बयान में कहा कि पहला ठेका छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले में स्थापित किए जा रहे 2×800 मेगावाट रायपुर सुपरक्रिटिकल थर्मल पावर प्लांट का अडाणी पावर लिमिटेड से मिला है।

बयान के अनुसार, उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में स्थापित किए जा रहे 2×800 मेगावाट मिर्जापुर सुपरक्रिटिकल थर्मल पावर प्लांट के लिए दूसरा ठेका एमटीईयूपीपीएल (अडाणी पावर लिमिटेड की एक अनुषंगी कंपनी) से मिला हे।

भारी उद्योग मंत्रालय के अधीन भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल) भारत का सबसे बड़ा इंजीनियरिंग व विनिर्माण उद्यम है। यह ऊर्जा, उद्योग और बुनियादी ढांचा क्षेत्रों में काम करता है।