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मुस्लिम महिला को फ्लैट आवंटित, सोसायटी के निवासी आवंटन रद्द करने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे

वडोदरा
गुजरात के वडोदरा में एक मुस्लिम महिला को फ्लैट आवंटित किए जाने पर जमकर बवाल हो रहा है। मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत 44 साल की मुस्लिम महिला को फ्लैट मिला था, जिसमें अन्य सभी हिंदू परिवार हैं। सोसायटी के निवासी आवंटन रद्द करने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका कहना है कि अपने बीच एक 'विधर्मी' को नहीं रहने देंगे। उनकी दलील है कि कानून का उल्लंघन करके मुस्लिम को घर दिया गया है।

वडोदरा के हरनी इलाके में मोटनाथ रेसिडेंसी में 462 फ्लैट्स हैं। इसमें एक मुस्लिम महिला को भी फ्लैट आवंटित किया गया था। विरोध कर रहे निवासियों का दावा है कि अशांत क्षेत्र कानून का उल्लंघन किया गया है। गुजरात में इस कानून के तहत निर्धारित 'अशांत क्षेत्र' में प्रॉपर्टी लेनदेन से पहले जिलाधिकारी की अनुमति आवश्यक है। अलग-अलग मतों के लोगों के बीच संपत्ति खरीद बिक्री पर रोक होती है। यदि कोई ऐसी खरीद-बिक्री होती है तो स्थानीय लोगों से एनओसी लेना होता है। निवासियों का कहना है कि अधिकारियों ने भ्रष्टाचार किया है और कानून को लागू नहीं किया।

मिडिया रिपोर्ट के मुताबिक यहां के एक निवासी अतुल गामेची ने कहा, 'गुजरात सरकार ने यहां यह कानून लागू किया है। इसलिए हिंदू कॉलोनी में कोई किसी मुस्लिम को घर नहीं बेच सकता है। तब भी सरकारी अधिकारियों ने नियम को लागू नहीं किया और मुस्लिम को घर दे दिया।' उन्होंने आगे कहा, 'हम चाहते हैं कि आवंटन रद्द हो। हम एक मुस्लिम परिवार के साथ सहज नहीं है, दिक्कतें होंगी। यदि प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं करता है तो हम सांसदों और अधिकारियों के घरों के बाहर प्रदर्शन करेंगे।'

हालांकि, वडोदरा म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि लॉटरी सिस्टम के जरिए आवंटन किया गया था और कानून के लागू होने से पहले जरूरी दस्तावजे जमा कराए गए थे। स्टैंडिंग कमिटी की चेयरमैन डॉ. शीतल मिस्त्री ने कहा, 'लॉटरी सिस्टम 2017 में निकाला गया था। कोई भी अप्लाई कर सकता था। एक मुस्लिम महिला का नाम भी ड्रॉ में निकला था। पेपरवर्क 2018 में हुआ था जब यहां अशांत क्षेत्र कानून लागू नहीं हुआ था। कानूनी रूप से आवंटन को रद्द नहीं किया जा सकता है। हम घर मालिक से बात कर सकते हैं।'