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छत्तीसगढ़ में फिर नक्सली और जवानों के बीच जमकर मुठभेड़, सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी, ढेर कर दिए 7 नक्सली

रायपुर
छत्तीसगढ़ में एक बार फिर नक्सली और जवानों के बीच जमकर मुठभेड़ हुई है।‌ नक्सल प्रभावित इलाका नारायणपुर, बीजापुर और दंतेवाड़ा की सीमा में जवानों ने 7 नक्सलियों को ढेर कर दिया है। वहीं घटना स्थल से अब तक दो नक्सलियों के शव को बरामद कर लिया गया है।‌ बताया जा रहा है गुरुवार को तीन जिले के 1000 जवान सर्चिंग अभियान पर निकले थे। इस दौरान अलग-अलग इलाकों पर नक्सलियों और जवानों के बीच मुठभेड़ हुई। इसकी घटना की पुष्टि नारायणपुर एसपी प्रभात कुमार ने की है।‌ जानकारी देते हुए नारायणपुर एसपी प्रभात कुमार ने बताया कि नारायणपुर-बीजापुर जिले के सीमावर्ती क्षेत्र में प्लाटून नंबर 16 और इंद्रावती एरिया कमिटी के नक्सलियों की आसूचना पर नारायणपुर, दंतेवाड़ा और बस्तर जिले के डीआरजी और बस्तर फाइटर्स के साथ एसटीएफ की टीमें सर्च अभियान पर निकली थी। जानकारी देते‌ हुए एसपी ने आगे कहा कि आज दिनांक 23 मई को लगभग  दोपहर 11 बजे नक्सलियों ने सुरक्षा बलों पर गोलीबारी शुरू की।पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ अभी तक रुक रुक कर जारी है। वहीं जवानों ने घटना स्थल से अब तक दो नक्सलियों के शव को बरामद कर लिया है। साथ ही भारी मात्रा में हथियार भी मिला है। 10/12 नक्सलियों के घायल होने की संभावना है।

सुबह तक 2 और अब 5 नक्सलियों के शव बरामद
इस मामले को लेकर जानकारी देते हुए दंतेवाड़ा एसपी गौरव राय ने बताया कि दंतेवाड़ा डीआरजी ने 5 शव बरामद किए हैं।‌ इसके अलावा नारायणपुर पुलिस ने सुबह 2 शव बरामद किए थे। इसके अलावा मौके से नक्सलियों के साथ हथियार भी बरामद हुए हैं। हथियारों का ग्रेड क्या है वह अब तक पता नहीं चल पाया है। जानकारी के मुताबिक अभी भी इलाके में मुठभेड़ जारी है।  पुलिस ने जानकारी देते हुए आगे बताया कि माओवादियों की पहचान अब तक नहीं हो पाई है। उन्होंने बताया कि यह ऑपरेशन नारायणपुर, बस्तर और दंतेवाड़ा के ट्राईजंक्शन पर चलाया गया जो की अबूझमाड़ के जंगल में स्थित है।

अबूझमाड़ के जंगल में नक्सलियों का डेरा
बतादें कि महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के बीच फैली अबूझमाड़ को अज्ञात पहाड़ी के रूप में भी जाना जाता है। क्योंकि ब्रिटिश काल के बाद 6000 वर्ग किलोमीटर के घने जंगल का सर्वेक्षण अब तक नहीं कराया गया है। यह जंगल माओवादी गतिविधियों का एक बड़ा केंद्र है। बताया जाता है कि यहां माओवादी के लगभग एक दर्जन वरिष्ठ कैडर का यहां डेरा रहता है। जानकारी के मुताबिक इस साल छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों के जवानों ने अलग-अलग मुठभेड़ में अब तक 107 माओवादियों को मार गिराया है जो कि साल 2023 की तुलना से बहुत अधिक है। क्योकि 2023 में जवानों ने 22 माओवादियों को ढेर किया था।