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भारत ने SA से डिपोर्ट किया आतंकी गौस नयाजी, बेंगलुरु में RSS नेता की हत्या का है आरोपी

नई दिल्ली

विदेशी धरती पर सेंट्रल एजेंसियों के हाथ बड़ी कामयाबी लगी है. NIA से मोस्ट वांटेड 5 लाख के PFI के आतंकी को विदेशी धरती पर पकड़ा गया है. इसके साथ ही आतंकी को भारत डिपोर्ट करवाया गया है. आतंकी पर बेंगलुरु में बड़ी बेरहमी से RSS नेता की हत्या का आरोप था. आतंकी की पहचान मोहम्मद गौस नयाजी के तौर पर हुई है. NIA ने उस पर पांच लाख का इनाम रखा था. मोहम्मद गौस नयाजी को साउथ अफ्रीका से डिपोर्ट कराया गया है.

विदेश में अलग-अलग जगहों पर था ठिकाना
जानकारी के मुताबिक, साल 2016 में RSS लीडर रुद्रेश की बेंगलुरु में बड़ी बेरहमी से हत्या कर दी गई थी. NIA से वांटेड मोहम्मद गौस नयाजी RSS लीडर की हत्या करने के बाद भारत से फरार हो गया था और विदेश में अलग अलग जगहों पर ठिकाना बनाया हुआ था. RSS लीडर रुद्रेश की हत्या की जांच NIA कर रही है. NIA ने इस पर पांच लाख का इनाम भी रखा था. साउथ अफ्रीका में इसकी लोकेशन सबसे पहले गुजरात ATS ने ट्रैक की और गुजरात ATS ने सेंट्रल एजेंसी को जानकारी दी जिसके बाद साउथ अफ्रीका में इसे पकड़ा गया. इसके बाद शनिवार को लेकर टीम इसे लेकर मुंबई पहुंची है.

साल 2016 में हुई थी रुद्रेश की हत्या
बता दें कि साल 2016 में बंगलुरु में एक आरएसएस कार्यकर्ता की दिनदहाड़े हत्या कर दी गई थी. आरएसएस कार्यकर्ता रुद्रेश संघ के कार्यक्रम से घर लौट रहे थे. यह घटना बंगलुरु के शिवाजीनगर इलाके में हुई थी. 35 वर्षीय रूद्रेश संघ के एक कार्यक्रम से घर लौट रहे थे. तभी घात लगाए बैठे बदमाशों ने अचानक उन पर हमला बोल दिया. हमले में रूद्रेश की मौत हो गई थी.

दुकान के पास की गई थी हत्या
आरएसएस नेता श्रीनिवासन की हत्या उनकी दुकान के पास की गई थी। श्रीनिवासन अपनी टू व्हीलर की दुकान चलाते थे। तभी उनकी दुकान पर आए 5 लोगों ने उनपर हमला कर दिया और हमलावर घटना को अंजाम देने के बाद आराम के साथ मौके से फरार हो गए। घटना का सीसीटीवी फुटेज सामने आया था कि जिसमें सभी आरोपी तीन बाइक पर सवार होकर दुकान पर पहुंचे थे। उस दौरान भी आरएसएस कार्यकर्ताओं ने हत्या के पीछे पीएफआई को बताया था।

हत्या के मामले में दो दर्जन लोगों को गिरफ्तार किया गया था
केरल पुलिस ने इस मामले में हत्या और साजिश में शामिल होने के आरोप में दो दर्जन से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने हत्या के पीछे साजिश रचने में और लोगों के शामिल होने का संकेत दिया था। राज्य पुलिस ने जानकारी दी है कि 15 अप्रैल को पीएफआई नेता सुबैर की हत्या के प्रतिशोध में श्रीनिवासन की हत्या की गई थी। हत्या की योजना इस तरह से बनाई गई थी, ताकि अधिकांश आरोपी एक-दूसरे से अनजान रहें।