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ग्रैमी अवार्ड्स 2024: फ्यूजन बैंड Shakti और बांसुरी वादक राकेश चौरसिया ने जीते अवार्ड

लॉस एंजेल्स

दुनिया के सबसे सम्मानित म्यूजिक अवार्ड्स कहे जाने वाले ग्रैमी अवार्ड्स 2024 में भारत की बड़ी जीत हुई है. भारत के फ्यूजन बैंड ‘शक्ति’ को ‘बेस्ट ग्लोबल म्यूजिक एल्बम’ का अवार्ड मिला है. इस बैंड में शंकर महादेवन, जॉन मैकलॉलिन, जाकिर हुसैन, वी सेल्वागणेश और गणेश राजगोपालन जैसे टैलेंटेड कलाकार हैं. इस बैंड के अलावा बांसुरी वादक राकेश चौरसिया ने भी ग्रैमी अवार्ड जीता है. ये अवार्ड्स क्रिप्टो डॉट कॉम एरीना, लॉस एंजेलिस में 5 फरवरी सोमवार को हुए.

भारतीय फ्यूजन बैंड ‘शक्ति’ को मिला अवार्ड
‘शक्ति’ को उनके लेटेस्ट म्यूजिक एल्बम ‘दिस मोमेंट’ के लिए 66वें ग्रैमी अवार्ड्स में, ‘बेस्ट ग्लोबल म्यूजिक एल्बम’ कैटगरी में विनर घोषित किया गया. बैंड ने 45 साल बाद अपना पहला एल्बम रिलीज किया था, जिसे सीधा ग्रैमी अवार्ड मिला है. इंग्लिश गिटारिस्ट जॉन मैकलॉलिन ने 1973 में भारतीय वायलिन प्लेयर एल. शंकर, तबला वादक जाकिर हुसैन और टी.एच. ‘विक्कू’ विनायकराम के साथ फ्यूजन बैंड ‘शक्ति’ की शुरुआत की थी. लेकिन 1977 के बाद ये बैंड बहुत एक्टिव नहीं रहा.

1997 में जॉन मैकलॉलिन ने फिर से इसी कॉन्सेप्ट पर ‘रिमेम्बर शक्ति’ नाम से बैंड बनाया और इसमें वी. सेल्वागणेश (टी.एच. ‘विक्कू’ विनायकराम के बेटे), मैन्डलिन प्लेयर यू. श्रीनिवास और शंकर महादेवन को शामिल किया. 2020 में ये बैंड फिर से साथ आया और ‘शक्ति’ के तौर पर इन्होने 46 साल बाद अपना पहला एल्बम ‘दिस मोमेंट’  रिलीज किया.

जाकिर हुसैन का तीसरा ग्रैमी
भारत के मशहूर तबला वादक जाकिर हुसैन के तीसरी बार ग्रैमी जीत का हिस्सा बने हैं. इससे पहले उन्होंने एल्बम ‘प्लेनेट ड्रम्स’ के लिए टी.एच. ‘विक्कू’ विनायकराम के साथ ग्रैमी जीता था. 2008 में उन्हें ‘ग्लोबल ड्रम प्रोजेक्ट’ के लिए ग्रैमी मिल चुका है. ‘शक्ति’ की जीत के साथ जाकिर के खाते में ये तीसरा ग्रैमी जुड़ गया है.

ग्रैमी अवार्ड्स 2022 में भी भारत को दो जीत मिली थीं. पी.ए. दीपक, रिक्की केज और स्टीवर्ट कोपलैंड के ‘डिवाइन टाइड्स’ को ‘बेस्ट न्यू एज एल्बम’ कैटेगरी में जीत मिली थी. जबकि  में भारत की आखिरी जीत 2022 में हुई थी. इंडियन-अमेरिकन सिंगर फालू के एल्बम ‘अ कलरफुल वर्ल्ड’ को ‘बेस्ट चिल्ड्रेन्स एल्बम’ कैटेगरी में ग्रैमी अवार्ड मिला था.

भारत के लिए मशहूर सितार वादक एवं संगीतकार स्वर्गीय पंडित रवि शंकर ने पहली बार 1968में ग्रैमी अवार्ड जीता था. पंडित रविशंकर के साथ, वेस्टर्न क्लासिकल म्यूजिक के कंडक्टर, जुबिन मेहता ने भी 5 बार भारत के लिए ग्रैमी जीता है.