छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव : जानें बीते 5 साल में क्या-क्या बदला, इस बार कौन मजबूत…
इंपेक्ट डेस्क
देश के पांच राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम के विधानसभा चुनावों का एलान आज हो सकता है। पिछले चुनावों की तरह कुछ राज्यों में ये चुनाव एक से ज्यादा चरणों में हो सकते हैं। दिसंबर के पहले सप्ताह तक सभी राज्यों वोटिंग कराई जा सकती है।
छत्तीसगढ़ की बात करें तो विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस-भाजपा ने एड़ी चोटी का जोर लगाना शुरू कर दिया है। चुनाव के पहले कांग्रेस सरकार ने गारंटियों को जना के सामने रखा है। वहीं, भाजपा केंद्र की योजनाओं और प्रधानमंत्री के चेहरे के दम पर सत्ता में आने की उम्मीद कर रही है। इसके अलावा आम आदमी पार्टी ने भी फ्री बिजली और फ्री पानी की घोषणा करके राज्य में अपना दावा ठोक रही है।
इससे पहले 2018 में आए चुनाव नतीजों के बाद राज्य में 15 साल बाद कांग्रेस ने सरकार बनाई। भूपेश बघेल राज्य के मुख्यमंत्री बने। आइये जानते हैं राज्य में बीते पांच साल में हुए सियासी घटनाक्रमों के बारे में…
2018 में नतीजे क्या रहे थे?
छत्तीसगढ़ में पिछला विधानसभा चुनाव कई मायनों में अप्रत्याशित रहा था। 90 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस को 68 सीटें मिलीं थीं। वहीं, भाजपा 15 सीटों पर आ गई। पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) ने पांच सीटें जीते थीं, जबकि दो सीटें बसपा के खाते में गई थीं। नतीजों के बाद कांग्रेस ने सरकार बनाई। इस तरह से राज्य में 15 साल बाद कांग्रेस के नेतृत्व में सरकार बनी और भूपेश बघेल मुख्यमंत्री बने।
कितनी सीटों पर उपचुनाव हुआ?
राज्य में विधानसभा चुनाव के बाद पांच सीटों पर उपचुनाव हुए। पहला उपचुनाव नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के लिए 23 सितंबर 2019 को हुआ था। 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा के विधायक भीमा मंडावी की हत्या के बाद से यह सीट खाली हुई थी। यहां हुए चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी देवती कर्मा ने बीजेपी प्रत्याशी ओजस्वी मंडावी को हराया।
नक्सल प्रभावित चित्रकोट विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस अपना गढ़ बचाने में कामयाब रही। इस सीट में कांग्रेस के राजमन बेंजाम ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा के लच्छुराम कश्यप को पराजित किया। चित्रकोट में उपचुनाव के लिए 21 अक्तूबर 2019 को मतदान हुआ था। बता दें कि राज्य के इस विधानसभा सीट से कांग्रेस के विधायक दीपक बैज को बीते लोकसभा चुनाव में सांसद चुन लिए जाने के बाद से यह सीट खाली हो गई थी।
पांच नवंबर 2020 को मरवाही सीट को भरने के लिए उपचुनाव कराया गया। इस उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार डॉ. केके ध्रुव ने भाजपा के डॉ. गंभीर सिंह को हराया। यह सीट पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के निधन के बाद खाली हुई थी।
खैरागढ़ सीट के लिए 12 अप्रैल 2022 को मतदान हुआ था। इस उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी यशोदा वर्मा ने भाजपा के कोमल जंघेल को हराकर जीत का परचम लहराया था। बता दें कि यह सीट जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के विधायक देवव्रत सिंह के निधन के बाद खाली हो गई थी।
पांच दिसंबर 2022 को भानुप्रतापपुर सीट के लिए उपचुनाव कराया गया। इस उपचुनाव में कांग्रेस की उम्मीदवार सावित्री मंडावी ने जीत दर्ज की। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी भाजपा के ब्रह्मानंद नेताम को शिकस्त दी। बता दें कि यह सीट कांग्रेस के विधायक और विधानसभा उपाध्यक्ष मनोज सिंह मंडावी के निधन के बाद खाली हुई थी।
अभी क्या है विधानसभा की स्थिति?
2018 के चुनाव के बाद 90 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस की 68, भाजपा की 15 सीटें थीं। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) ने पांच सीटें जीते थीं और दो सीटें बसपा के खाते में गई थीं। पिछले विधानसभा चुनाव के बाद हुए पांच उपचुनावों में से पांचों पर सत्ताधारी कांग्रेस ने जीत दर्ज की। इनमें से दो सीटें पहले से ही उसके पास थी जबकि पार्टी ने एक सीट भाजपा की तो दो सीटें जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) की छीन लीं। इस वक्त 90 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 71, भाजपा के 14, जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के चार और बसपा के एक विधायक हैं।
इस चुनाव में किस पार्टी की तैयारी कैसी है?
2018 में छत्तीसगढ़ के चुनाव नतीजे 11 दिसंबर को आए थे। ऐसे में जनता के फैसले में ज्यादा समय नहीं बचा है। इस चुनाव में कांग्रेस के सामने अपना किला बचाने की चुनौती होगी। पार्टी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के चेहरे पर ही चुनाव लड़ने जा रही है।
वहीं, भाजपा पीएम मोदी के चेहरे और केंद्र सरकार की योजनाओं के सहारे राज्य की सत्ता में वापसी की उम्मीदें कर रही है। पार्टी ने फिलहाल चुनाव के लिए कोई चेहरा नहीं घोषित किया है और वह सामूहिक नेतृत्व की बात कर रही है।
आम आदमी पार्टी भी अपने आंकड़े मजबूत करने को देखेगी। आप की दिल्ली के बाहर पंजाब में अपनी जोरदार जीत के बाद आप की नजर छत्तीसगढ़ पर है। यहां आप पार्टी ने इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में सभी सीटों पर उतरने का फैसला लिया है। पंजाब के विधानसभा चुनाव में मिली जीत के बाद ही सभी बड़े पार्टी नेताओं के छत्तीसगढ़ दौरे शुरू हो गए थे।