शादी में दूल्हा सफेद घोड़ी पर ही क्यों बैठकर आता है?… इसके पीछे का राज है बहुत खास, पर नहीं जानते ज्यादातर लोग…
इम्पैक्ट डेस्क.
शादी में कई तरह के रीति-रिवाज होते हैं, और सबका अपना विशेष अर्थ और महत्व होता है। कई रस्में ऐसी भी होती है जिसके जरिए दुल्हन के विदा होने तक दूल्हे के काबिलियत का पता लगाया जाता है। ऐसी ही एक रस्म है घोड़ी चढ़ाई, इसमें दूल्हे को सफेद घोड़ी पर बैठा के शादी के स्थल तक लाया जाता है। इस पर उसके साथ एक छोटा बच्चा भी बैठा होता है, जिसे सहबाला कहते हैं।
वैसे तो यह रस्म हिन्दू शादियों में सदियों से चली आ रही है, माना जाता है कि रामायण और महाभारत में भी इसका चलन रहा है। लेकिन फिर भी बहुत ही कम लोग इसके पीछे की वजह को जानते हैं। यहां तक कि जो लोग अपनी शादी में घोड़ी की सवारी कर चुके हैं वह तक इसके महत्व को नहीं समझते हैं। ऐसे में यदि आप भी दूल्हे के सफेद घोड़ी पर बैठकर शादी में आने को रॉयल्टी एंट्री करने का स्टाइल मात्र भर मानते हैं, तो यह लेख आपके लिए है।
दूल्हा घोड़े पर क्यों नहीं आता?
घोड़ा अधिक गुस्सैल स्वभाव का होता है। बिना प्रशिक्षण के इसे काबू में रख पाना बहुत मुश्किल है। इसकी तेज ऊर्जा के कारण युद्ध भूमि में दुश्मनों से लड़ने के लिए इसका इस्तेमाल पुराने समय से होते आया है।
क्योंकि शादी के लिए शक्ति नहीं बल्कि समर्पण की आवश्यकता होती है। इसलिए दूल्हा घोड़े पर नहीं घोड़ी पर बैठकर आता है, जो आज के समय के अनुसार ज्यादा सुविधाजनक भी है।
घोड़ी पर चढ़ाकर लड़के का लिया जाता है टेस्ट
घोड़ी चढ़ने का मतलब होता है कि लड़का अपने नए जीवन को शुरू करने के लिए तैयार है। ऐसे में वह अपने वैवाहिक जीवन की बागडोर को अच्छी तरह से संभालने का सामर्थ्य रखता है कि नहीं इसे साबित करने के लिए दूल्हे को घोड़ी पर बैठना पड़ता है।
क्या है घोड़ी पर बैठने का मतलब
घोड़ी को संभालना घोड़े के मुकाबले में आसान होता है, लेकिन वह अधिक चंचल, बुद्धिमान, और दक्ष होती है। ऐसे में जब लड़का घोड़ी चढ़ जाता है, तो यह समझा जाता है कि उसने अपने बचकाना व्यवहार पर काबू पा लिया है, और शादीशुदा जिंदगी की जिम्मेदारियों को संभालने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
सफेद घोड़ी ही क्यों?
सफेद घोड़ी को शुद्धता, व्यावहारिकता, प्रेम, फर्टिलिटी, उदारता, सौभाग्य और समृद्धि का प्रतीक समझा जाता है। इसलिए जब लड़का शादी करके अपने नई जिंदगी की शुरुआत करने जाता है, तो वह सफेद घोड़ी पर बैठता है।