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सोते रहे लोग और भूस्खलन में दब गए 50 से अधिक लोग… 7 के शव बरामद… बचाव में जुटे एक शख्स की हार्टअटैक से मौत…

इम्पैक्ट डेस्क.

महाराष्ट्र के कई जिलों में भीषण बारिश से हालात खराब हैं। मुंबई में भी भारी बारिश का दौर जारी है। इस बीच बारिश से सबसे ज्यादा प्रभावित रायगढ़ जिले में भीषण हादसा हुआ है। बुधवार की रात को जिले की खालापुर तहसील का इरशालवाड़ी गांव भूस्खलन से धंस गया। यह हादसा उस वक्त हुआ, जब लोग गहरी नींद में सो रहे थे। इसके चलते लोगों को भागने का मौका तक नहीं मिला और घर जमीन में समा गए। फिलहाल बचाव कार्य तेजी से चल रहा है और अब तक 7 लोगों के शव निकाले जा चुके हैं। मरने वालों का आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है। रात में हादसा होने की वजह से बचाव कार्य देरी से शुरू हुआ और एनडीआरएफ टीम 2 बजे पहुंच सकी, जबकि हादसा 11 बजे के करीब हुआ था।

यह हादसा इतना भीषण था कि बचाव में जुटे एक शख्स की भी हार्टअटैक से मौत हो गई। कई लोग जख्मी भी हैं, जिन्हें अस्पताल में एडमिट कराया गया है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे भी फिलहाल रायगयढ़ के दौरे पर हैं और राहत एवं बचाव कार्यों की निगरानी कर रहे हैं। इसके अलावा नए बने डिप्टी सीएम अजित पवार भी ऐक्टिव हैं और कंट्रोल रूम पहुंचे हैं। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बताया कि अब तक 75 लोगों को बचाया जा चुका है, जो लैंडस्लाइड में दब गए थे। कहा जा रहा है कि गांव में बड़ी संख्या में कच्चे मकान थे, जिसके मलबे में दबने के बाद भी बड़ी संख्या में मौतें नहीं हुईं। 

अब भी 50 से ज्यादा लोगों के दबे होने की आशंका

गांव में कुल 160 घर हैं, जिनमें से कुछ को कम नुकसान पहुंचा है। अब भी 50 से ज्यादा लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है, जिन्हें निकालने के लिए अभियान चल रहा है। रायगढ़ जिले में पहले से ही एनडीआरएफ की टीमों को तैनात कर दिया गया था। इसके अलावा लोगों को भी बचाव रखने की एडवाइजरी जारी की गई थी। अब तक जिन लोगों को बचाया गया है, उनमें तीन बच्चे भी शामिल हैं। यह गांव इरसाल किले की तलहटी पर बसा है, जो चौक से 6 किलोमीटर की दूरी पर है। ठाकुर समुदाय के लोगों की ही इस गांव में अधिक आबादी है। शुरुआती जानकारी के मुताबिक गांव के 90 फीसदी घर बर्बाद हो गए हैं। 

सीएम एकनाथ शिंदे मौके पर, बोले- 80 लोग निकाले गए

यह संकट इसलिए और बढ़ गया क्योंकि सुबह एक बार फिर से भूस्खलन होने लगा। इसके चलते बचाव का काम रोक दिया गया। यही नहीं सुबह अंधेरा होने की वजह से भी बचाव कार्य में बाधा आ रही थी। यह हादसा इतना भीषण था कि डर के मामले बड़ी संख्या में लोग जंगल की ओर भाग गए। बचाव में जुटे लोगों का कहना है कि गांव से भागे लोगों के लौटने पर ही पता लगेगा कि कितने लोग दबे हैं। मौके पर पहुंचे सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि 18 से 20 घरों पर भूस्खलन हुआ है। उन्होंने कहा कि अब तक 80 लोगों को निकाला जा चुका है और 7 लोगों की दर्दनाक हादसे में मौत हुई है।