प्रतिस्पर्धा सूचकांक में गिरी भारत की रैंकिंग : आर्थिक प्रदर्शन भी रहा कमजोर…
इम्पैक्ट डेस्क.
इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर मैनेजमेंट डेवलेपमेंट (IMD) ने वर्ल्ड कॉम्पटीटिवनेस रैंकिंग (विश्व प्रतिस्पर्धा सूचकांक) जारी कर दी है। इसकी ओवरऑल रैंकिंग में सिंगापुर तीसरे स्थान से खिसककर चौथे स्थान पर पहुंच गया है। वहीं भारत को भी इस रैंकिंग में नुकसान उठाना पड़ा है भारत की रैंकिंग में तीन स्थानों की गिरावट आई है और वह 40वें नंबर पर है। पिछले साल भारत की इस सूची में ओवरऑल रैंकिंग 37 थी।
भारत की रैंकिंग में आई गिरावट
आईएमडी की रिपोर्ट के अनुसार, सरकार की दक्षता के मामले में भारत की स्थिति में सुधार हुआ है। हालांकि बिजनेस दक्षता, आधारभूत ढांचे के विकास, आर्थिक प्रगति के मामले में भारत की रैंकिंग में थोड़ी गिरावट आई है। आर्थिक प्रगति में भारत पिछले साल 28वें नंबर पर था और इस बार उसकी रैंकिंग 33 है। सरकार की दक्षता के मामले में भारत की 2023 की रैंकिंग 44 है, जो कि पिछले साल 45 थी। व्यापार दक्षता में भारत की रैंकिंग 28 है, जो कि पिछले साल 23 थी। आधारभूत ढांचे के विकास में भारत की रैंकिंग इस साल 52 आई है जबकि पिछले साल यह 49 थी।
सिंगापुर को भी लगा झटका
आईएमडी के वर्ल्ड कॉम्पटीटिवनेस सेंटर (विश्व प्रतिस्पर्धा सूचकांक) ने दुनिया की 64 अर्थव्यवस्थाओं में से सिंगापुर को चौथे नंबर पर रखा है। साल 2022 में सिंगापुर तीसरे स्थान पर था। खास बात ये है कि 2019 और 2020 में सिंगापुर इस रैंकिंग में पहले स्थान पर था लेकिन 2021 में सीधे पांचवें स्थान पर पहुंच गया था। इस साल की रैंकिंग में पहले तीन स्थानों पर डेनमार्क, आयरलैंड और स्विटजरलैंड हैं। नीदरलैंड पांचवें, ताइवान छठे, हॉन्गकॉन्ग सातवें, स्वीडन आठवें और अमेरिका नौवें और संयुक्त अरब अमीरात 10वें स्थान पर है।
कोरोना महामारी के बाद आर्थिक गतिविधियों में तेजी आई है। यही वजह है कि थाईलैंड, इंडोनेशिया और मलेशिया जैसे देशों की रैंकिंग में सुधार हुआ है। बीते साल की रैंकिंग में यूरोप के पांच देश टॉप 10 में शामिल थे।
क्या है आईएमडी
बता दें कि आईएमडी एक स्विस फाउंडेशन है, जो कि स्विटजरलैंड में स्थित है। आईएमडी ने वर्ल्ड कॉम्पटीटिवनेस ईयरबुक पहली बार 1989 में प्रकाशित की थी। इस रिपोर्ट में किसी भी देश की आर्थिक प्रगति, सरकार की प्रभावशीलता, व्यापार दक्षता और आधारभूत ढांचे को पैमाना बनाया जाता है।