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IIT की नई कामयाबी : पांच हजार फुट की ऊंचाई से क्लाउड सीडिंग से कराई कृत्रिम बारिश, वीडियो…

इम्पैक्ट डेस्क.

बुंदेलखंड के सूखाग्रस्त इलाकों, लखनऊ के प्रदूषण को कम करने के लिए अब बारिश का इंतजार करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। आईआईटी कानपुर अब कृत्रिम बारिश का परीक्षण कर रहा है। बीते सोमवार को डीजीसीए की अनुमति के बाद आईआईटी ने पांच हजार फीट के ऊपर कृत्रिम बारिश का ट्रायल किया।

आईआईटी ने स्वयं के प्लेन में क्लाउड सीडिंग का अटैचमेंट लगाकर केमिकल का छिड़काव किया। इस दौरान 15 मिनट तक प्लेन संस्था के ऊपर ही चक्कर लगाता रहा। आईआईटी कानपुर में क्लाउड सीडिंग का प्रोजेक्ट 2017 से चल रहा है। इसके बाद बीच में कोरोना काल में प्रोजेक्ट थम गया था।

अमेरिका से कई अटैचमेंट मंगवाने थे, जो कोरोना काल में नहीं आ पाए थे।  लेकिन इसे एक बार फिर से शुरू किया गया है।  एयरक्राफ्ट में लगी डिवाइस से सिल्वर आयोडाइड, सूखी बर्फ, साधारण नमक से बने हुए केमिकल का फायर किया गया। कृत्रिम बारिश के प्रोजेक्ट का नेतृत्व प्रो. मणींद्र अग्रवाल कर रहे हैं।

क्लाउड सीडिंग के लिए तैयार है संस्थान
उन्होंने कहा कि  प्लेन के पंखों में डिवाइस लगाई गई, जिससे केमिकल का छिड़काव किया गया। इसकी वजह से बारिश नहीं हुई, क्योंकि क्योंकि बादलों के भीतर क्लाउड सीडिंग नहीं की गई थी। लेकिन परीक्षण सफल रहा। सफल इस मायने में कि क्लाउड सीडिंग के लिए संस्थान तैयार है। आने वाले कुछ हफ्तों में फिर क्लाउड सीडिंग का परीक्षण कराया जाएगा।

डीजीसीए की अनुमति से हुए सफल परीक्षण
प्रोफेसर मनिंद्र अग्रवाल ने जानकारी देते हुए कहा कि बारिश नहीं हुई क्योंकि हमने बादलों में फ्लेयर्स को फायर नहीं किया। ये उपकरण के लिए एक ट्रायल था। लेकिन ये टेस्टिंग सफल रही। अब हम अगले चरणों में क्लाउड सीडिंग चलाने के लिए तैयार हैं। यह परीक्षण डीजीसीए की अनुमति के बाद हुआ है। हम इस प्रोजेक्ट पर बीते कई सालों से काम कर रहे हैं। कोरोनाकाल की वजह से इसकी खरीद प्रक्रिया में देरी हुई। उत्तर प्रदेश सरकार ने कई वर्ष पहले क्लाउड सीडिंग के परीक्षण की इजाजत दे दी थी।

आईआईटी कानपुर के लिए अनोखा अनुभव

आईआईटी कानपुर के कंप्यूटर साइंस एंड इजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर मनिंद्र अग्रवाल ने बताया कि आईआईटी कानपुर ने एक यूनिक एक्पेरिमंट पूरा किया है। क्लाउड सीडिंग की टेस्टिंग सफल रही है। सेसना एयरक्राफ्ट के जरिए कृत्रिम बादल बनाए गए, जो यूएस में तैयार किया गया है।