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भूपेश बोले- जल्द बनेगा पत्रकार सुरक्षा कानून… छत्तीसगढ़ के हित में लड़ने से नहीं हटेंगे पीछे…

इम्पैक्ट डेस्क.

सीएम भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र में गुरुवार को अपने विभागों की अनुदान मांगों पर चर्चा करते हुए कहा कि प्रदेश में जल्द ही पत्रकार सुरक्षा कानून बनेगा। पत्रकार साथियों के लिए अधिमान्यता नियमों को सरलीकरण किया जा रहा है। अधिमान्यता का कोटा दोगुना करने से पत्रकारों की संख्या 600 तक पहुंच गई है। सम्मान निधि को 5 हजार से बढ़ाकर 10 हजार की गई है। बिजली की लगातार मांग बढ़ रही है। नए उपकेंद्र खोलने की कार्य योजना बनाई जा रही है।

उन्होंने कहाकि प्रशासनिक सुविधा के लिए नए जिले और तहसीलें बनाई गई है। आम जनता से सीधा संवाद करने से बहुत सारी समस्याओं का त्वरित निवारण हो रहा है। हमारी सरकार ने कई नवाचार किए हैं इसके लिए नवाचार  आयोग बना रहे हैं। अंडरग्राउंड वाटर नीचे जा रहा था, इसे रोकने के लिए नरवा कार्यक्रम हमने शुरू किया। नवीन पेंशन योजना की जगह पर पुरानी पेंशन योजना लागू की गई है इसके लिए प्रावधान किया गया है। 

‘छत्तीसगढ़ पर ऋण भार बजट का 17.9 प्रतिशत’
छत्तीसगढ़ विकास की दिशा में मजबूती के साथ तेजी से आगे बढ़ रहा है। छत्तीसगढ़ में ऋण भार बजट का 17.9 प्रतिशत है। अन्य प्रदेश की तुलना में छत्तीसगढ़ की स्थिति बेहतर है। आम जनता की सुविधा के लिए नए जिले, तहसीलें और अनुविभाग बनाए गए हैं। भेंट-मुलाकात में आम जनता से सीधा संवाद करने से बहुत सारी समस्याओं का त्वरित निवारण हो रहा है। हमारी सरकार ने कई नवाचार किए हैं। इसके लिए नवाचार आयोग बना रहे हैं। इसके तहत छत्तीसगढ़ में लोगों के विकास के लिए नई-नई योजनाओं तथा कार्यक्रमों का बेहतर ढंग से संचालन हो रहा है। प्रधानमंत्री भी छत्तीसगढ़ के नवाचारों की चर्चा करते हैं। नीति आयोग की बैठक में और व्यक्तिगत मुलाकातों में भी इसकी जरूर चर्चा होती है।  

अंडरग्राउंड वॉटर रोकने नरवा कार्यक्रम शुरू किया
मुख्यमंत्री ने चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि राज्य में दिनों-दिन अंडरग्राउंड वॉटर नीचे जा रहा था, इसे रोकने के लिए नरवा कार्यक्रम हमने शुरू किया। जिसका बहुत ही सकारात्मक परिणाम दिखाई देने लगा है। नवीन पेंशन योजना की जगह पर पुरानी पेंशन योजना लागू की गई है, इसके लिए प्रावधान किया गया है। इससे राज्य में कर्मचारियों का भविष्य सुरक्षित हुआ है। राज्य में 1 नवम्बर 2004 से लागू की गई नवीन अंशदायी पेंशन योजना के स्थान पर 1 अप्रैल 2022 से समस्त शासकीय सेवकों हेतु पुरानी पेंशन योजना बहाल की गई। इसके फलस्वरूप भविष्य में पेंशनरी दायित्वों के भुगतान हेतु गठित पेंशन निधि में निवेश के लिए 250 करोड़ रूपए का प्रावधान रखा गया है। 

बिजली की कमी छत्तीसगढ़ में नहीं : भूपेश
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में कृषक जीवन ज्योति योजना के अंतर्गत 11 हजार 256 करोड़ रुपए का अनुदान दिया गया है। प्रदेश में हाफ बिजली बिल योजना के तहत मार्च 2019 से दिसम्बर 2022 तक लगभग 42.20 लाख घरेलू उपभोक्ताओं को 3453.17 करोड़ रूपए की तथा ग्रामीण औद्योगिक पार्क एवं 334 गौठानों के कनेक्शन को रियायत प्रदान की जा चुकी है। राज्य में 20 हजार 550 पंपों का विद्युतीकरण मार्च 2023 तक पूर्ण करने की योजना है। छत्तीसगढ़ में बिजली की कमी नहीं है, जनता की सुविधाओं को ध्यान में रखकर प्रीपेड मीटर के क्षेत्र में भी हम आगे बढ़ रहे हैं। राज्य में बिजली की लगातार डिमांड बढ़ रही है, इसे ध्यान में रखकर नए उपकेंद्र खोलने की कार्य योजना बनाई जा रही है। राज्य शासन द्वारा 1320 मेगावाट की सुपर क्रिटिकल ताप विद्युत परियोजना की स्थापना के संबंध में निर्णय लिया गया है। 

पत्रकार अधिमान्यता नियमों का सरलीकरण हुआ
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में पत्रकार भयमुक्त वातावरण में स्वंत्रत होकर कार्य कर सके, इस दिशा में भी हम प्रभावी तरीके से उपाय सुनिश्चित कर रहे हैं। पत्रकार साथियों के लिए अधिमान्यता नियमों का सरलीकरण किया गया है। अधिमान्यता का कोटा दोगुना करने से अधिमान्य पत्रकारों की संख्या 400 से बढ़कर 600 तक पहुंच गई है। इसी तरह सम्मान निधि को 5000 से बढ़ाकर 10,000 रुपए की गयी है। उन्होंने कहा कि पत्रकारों के हित में पत्रकार गृह निर्माण ऋण ब्याज अनुदान योजना लायी गई है। जिससे पत्रकार साथियों के स्वयं के घर का सपना पूरा हो सके। इसके लिए वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट में गृह निर्माण ऋण ब्याज अनुदान के लिए 50 लाख रुपए का प्रावधान किया गया है।