जेल के अंदर मालिश कराते ‘आप’ के सत्येंद्र जैन का वीडियो वायरल… ED ने कोर्ट में की शिकायत…
इम्पैक्ट डेस्क.
मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली की केजरीवाल सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन की मुसीबत और बढ़ गई है। सोशल मीडिया पर वायरल सीसीटीवी फुटेज से खुलासा हुआ है कि तिहाड़ जेल में बंद सत्येंद्र जैन जेल में मौज की जिंदगी जी रहे हैं। सीसीटीवी फुटेज में सत्येंद्र जैन जेल में अपनी बैरक में ही मसाज का लुत्फ उठाते हुए दिखाई दे रहे हैं।
फुटेज के सामने आने पर भारतीय जनता पार्टी के निशाने पर आम आदमी पार्टी आ गई है। फुटेज सामने आने के बाद भाजपा ने आरोप लगाया है कि सत्येंद्र जैन को जेल में वीआईपी ट्रीटमेंट मिल रहा है।
शनिवार को तिहाड़ जेल में बंद सत्येंद्र जैन की बैरक का एक सीसीटीवी फुटेज वायरल होने से हड़कंप मच गया। वायरल फुटेज में सत्येंद्र जैन को अपने सेल के अंदर मालिश कराते हुए देखा जा सकता है।
जेल की सेल में एक अज्ञात शख्स मंत्री सत्येंद्र जैन के पैर और शरीर की मालिश करते हुए दिखाई दे रहा है। ईडी ने इसको लेकर कोर्ट से पूरे मामले की शिकायत की है और जेल की सीसीटीवी फुटेज कोर्ट को सौंप दी है।
सत्येंद्र जैन तिहाड़ की जेल संख्या सात में बंद हैं। सत्येंद्र जैन को जेल में सुविधा उपलब्ध करवाने के मामले में जेल अधीक्षक समेत चार जेल अधिकारी और कर्मियों को निलंबित किया गया है। वहीं, 35 से ज्यादा जेल अधिकारी और कर्मियों का जेल बदला गया है।
30 मई को ईडी ने जैन को किया था गिरफ्तार
आपको बता दें कि आम आदमी पार्टी (आप) नेता और दिल्ली सरकार में मंत्री सत्येंद्र जैन को 30 मई को प्रवर्तन निदेशालय ने धन शोधन निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत गिरफ्तार किया था। सत्येंद्र जैन के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में मुकदमा दर्ज है।
इससे पहले, अप्रैल महीने में प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम, 2002 के तहत जैन के परिवार और कंपनियों की 4.81 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियां कुर्क की थीं। इसमें अकिंचन डेवेलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, इंडो मेटल इम्पेक्स प्राइवेट लिमिटेड और अन्य कंपनियों की संपत्तियां शामिल थीं।
जैन पर कथित आरोप हैं कि उन्होंने दिल्ली में कई शेल कंपनियों को लॉन्च किया या खरीदा था। उन्होंने कोलकाता के तीन हवाला ऑपरेटरों की 54 शेल कंपनियों के माध्यम से 16.39 करोड़ रुपये के काले धन को भी सफेद किया था। जैन के पास प्रयास, इंडो और अकिंचन नाम की कंपनियों में बड़ी संख्या में शेयर थे।
रिपोर्ट्स के अनुसार, 2015 में केजरीवाल सरकार में मंत्री बनने के बाद जैन के सभी शेयर उनकी पत्नी के नाम कर दिए गए थे। मामला सामने आने पर गिरफ्तारी के बाद जब ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के कागजात दिखाकर जैन से सवाल पूछे तो उन्होंने कोरोना के कारण याददाश्त चले जाने का दावा कर दिया था।