पंजाब, राजस्थान और उड़ीसा के संविदा कर्मचारियों को नियमित्करण की सौगात… छत्तीसगढ़ के संविदा कर्मचारियों को कब मिलेगा नियमितीकरण की सौगात : सूरज सिंह…
इम्पैक्ट डेस्क.
दंतेवाडा. पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार, उड़ीसा में नवीन पटनायक जी की सरकार और राजस्थान में कांग्रेस की गहलोत सरकार ने अपने राज्य के सभी संविदा कर्मचारियों को नियमितीकरण की सौगात दीपावली के पूर्व दी हैं। वहीं छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने अपने जन घोषणा पत्र के बिंदु क्रमांक 11 में संविदा, अनियमित कर्मचारियों को नियमितीकरण की बात कही गई हैं, लेकिन 04 साल बीतने को हैं छत्तीसगढ़ सरकार ने अब तक केवल कर्मचारियों के लिए कमेटी बनाई और और उस कमेटी द्वारा 04 सालो में सिर्फ जानकारी मांगने का काम किया हैं एवम नियमितीकरण के संबंध में आज दिनांक तक कोई ठोस पहल नहीं किया गया हैं। जिससे राज्य के समस्त संविदा कर्मचारी व्यथित हैं।
आलम यह है की सरकार बनने के बाद संविदा कर्मचारियों का लगभग 33% वेतन वृद्धि आज दिनांक तक नहीं हुआ हैं, जबकि हर 02 वर्षो में लगभग 20% की वेतन वृद्धि हुआ करती थी। जो की इस सरकार में विगत 03 वर्षो से लंबित हैं। संविदा में कार्यरत कर्मचारियों को आस थी की भूपेश बघेल जी की सरकार आने से उनका नियमितीकरण का रास्ता खुलेगा, लेकिन नियमितीकरण का रास्ता खुलना छोड़ 04 वर्ष बीतने के बाद भी कमेटी द्वारा अब तक सरकार को कोई भी रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं किया गया हैं।। वही अन्य राज्यों जैसे राजस्थान जहां कांग्रेस की सरकार वहां के संविदा कर्मचारी नियमित हो रहे हैं।
सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ सरकार से मांग करते हैं की जिस प्रकार पड़ोसी राज्य में नियमितीकरण की पहल की गई है, जिस प्रकार कांग्रेस शासित राज्य राजस्थान सरकार ने अपने संविदा कर्मचारियों को नियमितीकरण की सौगात दी है, वैसे ही छत्तीसगढ़ के संविदा कर्मचारियों को नियमितीकरण की सौगात दी जाए। जिससे वर्षों से संविदा जैसी कुप्रथा में कार्य कर रहे कर्मचारियों का भला हो सके।। महासंघ लगभग 04 वर्षो से सरकार से आवेदन, निवेदन और मीडिया के माध्यम से अपील कर नियमितीकरण की मांग कर रहे हैं, लेकिन अब सब्र का बांध टूट रहा हैं। अगर सरकार नियमितीकरण की हमारी मांग को पूरी नहीं करती है तो छत्तीसगढ़ के हजारों संविदा कर्मचारी अनिश्चितकालीन आंदोलन करने को विवश होंगे। क्योंकि कर्मचारियों के पास आंदोलन करने के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचेगा।