पूर्व CM रमन सिंह का CM बघेल पर आरोप : झारखंड के विधायकों को दारू-मुर्गा खिला रहे… बोले- अय्याशी का अड्डा नहीं छत्तीसगढ़…
इम्पैक्ट डेस्क.
झारखंड में सियासी उठापटक के बीच छत्तीसगढ़ पहुंचे यूपीए विधायकों के बाद मामला और गरमा गया है। यहां कथित तौर पर एक रिसॉर्ट के बाहर झारखंड के विधायकों के इंतजार में खड़ी एक सरकारी गाड़ी में शराब की बोतलें मिली हैं। इसके बाद भाजपा नेताओं ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर हमला बोला है।
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा नेता डॉ. रमन सिंह ने गाड़ी में शराब की बोतलें मिलने का वीडियो ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा है, “भूपेश जी कान खोलकर सुन लीजिए! छत्तीसगढ़ अय्याशी का अड्डा नहीं है, जो छत्तीसगढ़ियों के पैसे से झारखंड के विधायकों को दारू-मुर्गा खिला रहे हैं। असम, हरियाणा के बाद अब झारखंड के विधायकों का डेरा। इन अनैतिक कार्यों के लिए छत्तीसगढ़ महतारी आपको कभी माफ नहीं करेगी।”
भूपेश जी कान खोलकर सुन लीजिए!
छत्तीसगढ़ अय्याशी का अड्डा नहीं है, जो छत्तीसगढ़ियों के पैसे से झारखंड के विधायकों को दारू-मुर्गा खिला रहे हैं।
असम, हरियाणा के बाद अब झारखंड के विधायको का डेरा, इन अनैतिक कार्यों के लिए
छत्तीसगढ़ महतारी आपको कभी माफ नहीं करेगी। pic.twitter.com/rBxQl51esd— Dr Raman Singh (@drramansingh) August 30, 2022
झारखंड के विधायक यहां, इसलिए भाजपा चिंतित
उधर, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भाजपा पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि झारखंड के विधायक यहां आए हैं, इसलिए भाजपा के लोग चिंतित हैं। अगर विधायकों को वहीं रहने दिया जाता तो भाजपा को उन्हें खरीदने ओर 20 करोड़ रुपये देने का मौका मिलता। बघेल ने कहा, राजभवन ने अभी तक चुनाव आयोग की चिट्ठी नहीं खोली है, इसका मतलब है कि कुछ योजना बनाई जा रही है।
32 विधायक पहुंचे हैं रायपुर
झारखंड में सियासी संकट के बीच महागठबंधन के सभी विधायकों को कांग्रेस शासित राज्य छत्तीसगढ़ ले जाया गया है। मंगलवार को मुख्यमंत्री निवास से विधायक अपराह्न 2 बसों में रांची एयरपोर्ट के लिए निकले थे। सीएम हेमंत सोरेन खुद बस में विधायकों के साथ रहे। विधायकों को सामान उनसे पहले ही एयरपोर्ट पहुंचा दिया गया था। महागठबंधन के 32 विधायकों में कांग्रेस से 12, झामुमो के19 और राजद के 1 विधायक शामिल हैं। विधायकों को छत्तीसगढ़ ले जाने का फैसला ऐसे समय पर लिया गया है, जब एक तरफ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सदस्यता रद्द होने की आशंका है। वहीं, दूसरी तरफ कानून व्यवस्था के मुद्दे पर सरकार बुरी तरह घिरी गई है।