मारडूम इलाके में आईईडी ब्लास्ट व माओवादी फायरिंग में दो पुलिस जवान शहीद, सीआरपीएफ जवान घायल… इंद्रावती नदी पार नक्सलियों के कैंप पर धावा, भागे माओवादी…
- इम्पेक्ट न्यूज. दंतेवाड़ा.
जगदलपुर-दंतेवाड़ा मार्ग पर मारडूम इलाके में सड़क निर्माण की सुरक्षा के लिए तैनात जवानों पर माओवादियों ने आईईडी अटैक कर दिया। नक्सलियों ने पहले आईईडी ब्लास्ट किया और फिर फायरिंग शुरू कर दी। ब्लास्ट की चपेट में आकर पुलिस की छत्तीसगढ़ आर्म्ड फोर्स (सीएएफ) के दो जवान शहीद हो गए। जबकि सीआरपीएफ का एक जवान घायल हुआ है। जवाब में जवानों ने भी फायरिंग की, जिसके बाद नक्सली मौके से भाग निकले।
बारसूर पल्ली सड़क निर्माण का कार्य चल रहा है। नक्सली बाहुल्य क्षेत्र होने के कारण बोधली कैंप से सीएएफ और पुष्पाल कैंप से सीआरपीएफ 195 बटालियन के जवानों को रोड ओपनिंग के लिए भेजा गया था। जवान जगदलपुर-दंतेवाड़ा बॉर्डर पर मारडूम क्षेत्र से पुष्पाल के आगे घोटियामोड़ के पास पहुंचे ही थे कि नक्सलियों ने आईईडी ब्लास्ट कर दिया। इसके बाद नक्सलियों ने फायरिंग शुरू कर दी।
आईजी बस्तर पी. सुंदरराज ने बताया- प्रेशर आईईडी ब्लास्ट की चपेट में आकर सीएएफ के जवान उपेंद्र और देवेंद्र सिंह शहीद हो गए। घायल हुए सीआरपीएफ के एएसआई एएसएम रहमान की हालत स्थिर बताई जा रही है। नक्सलियों की फायरिंग के जवाब में जवानों ने भी कार्रवाई की। थोड़ी देर चली मुठभेड़ के बाद जवानों को भारी पड़ता देख नक्सली वहां से भाग निकले।
नक्सली कैंप पर अटैक, फायरिंग के बाद भागे माओवादी
कंप्यूटर, प्रिंटर, सीपीयू सहित भारी तादात में अन्य सामान बरामद, बैकअप के लिए भेजी गई फाेर्स
वहीं एक अन्य घटना में पुलिस के मुताबिक दंतेवाड़ा में शनिवार की सुबह इंद्रावती नदी पार जवानों ने नक्सलियों के कैंप पर धावा बोल दिया। दोनों ओर से करीब 15 मिनट तक मुठभेड़ चलती रही। इसके बाद नक्सली वहां से भाग निकले। सर्चिंग के दौरान जवानों को कैंप से कंप्यूटर, प्रिंटर, सीपीयू सहित अन्य सामान भारी तादात में बरामद हुआ है। मुठभेड़ की सूचना के बाद जवानों के बैकअप के लिए फोर्स भेजी गई है। जवान अभी तक लौटे नहीं है। उनके आने के बाद ही ज्यादा जानकारी मिल सकेगी। मुठभेड़ की पुष्टि बस्तर आईजी पी. सुंदरराज ने की है।
सूचना मिली थी कि नक्सली एरिया कमेटी का सदस्य रामदास ने अन्य साथियों के साथ इंद्रावती नदी पार कैंप लगाया हुआ है। इस पर शनिवार सुबह करीब 10 बजे डीआरजी और सीआरपीएफ 195वीं बटालियन के जवानों को रवाना किया गया।
विंगपाल के जंगलों में जवानों ने नक्सलियों के लगाए कैंप पर धावा बोल दिया। इसके बाद दोनों ओर से फायरिंग शुरू हो गई। करीब 15 मिनट तक मुठभेड़ चलती रही। इसके बाद नक्सली पहाड़ों की आड़ लेकर वहां से भाग निकले।