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LPG से निजात दिलाने IOC ला रहा सोलर स्टोव… बना सकेंगे तीनों टाइम का खाना…

इम्पैक्ट डेस्क.

दिग्गज ऑयल मार्केटिंग कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC) सौर ऊर्जा का इस्तेमाल कर इनडोर में खाना पकाने के लिए एक स्टोव लेकर आयी है। इस स्टोव का का इस्तेमाल कर खाना बनाने के लिए इसे धूप में रखने की भी जरूरत नहीं है। इस अलग तरह के सोलर स्टोव को ‘सूर्य नूतन’ (Surya Nutan) नाम दिया गया है। इस सोलर स्टोव की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे खरीदने के लिए सिर्फ एक बार पैसे देने हैं, एक बार खरीदने के बाद इस पर और कोई लागत नहीं आने वाली है, इसके अलावा इसका अलग से कोई मेंटेनस चार्ज भी नहीं है। इस स्टोव को फॉसिल फ्यूल के विकल्प तौर पर देखा जा रहा है। केन्द्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी (Hardeep Singh Puri) ने अपने आवास पर एक समारोह का आयोजन कर इस स्टोव का डेमो दिलवाया है जहां उन्होंने इस चूल्हे पर थ्री-कोर्स मील बनवाकर दिखाया है। 

कैसे करता है काम?
IOC डॉयरेक्टर एसएसवी रामकुमार का कहना है कि यह चूल्हा (Surya Nutan) स्टोव सौर कूकर से अलग है, क्योंकि इसे धूप में रखने की जरूरत नहीं है। इस सोलर कूकिंग स्टोव ‘Surya Nutan’ को इंडियन ऑयल के फरीदाबाद के अनुसंधान और विकास विभाग द्वारा विकसित किया गया है। यह हमेशा रसोई में ही रख सकते हैं, इसका एक केबल बाहर या छत पर रखे PV पैनल के माध्यम से कैप्चर की गई सोलर एनर्जी का इस्तेमाल करता है।

यह सौर ऊर्जा को इकट्ठा करता है और इसे विशेष रूप से डिजाइन किए गए हीटिंग तत्व के माध्यम से गर्मी में बदल देता है। थर्मल ऊर्जा को वैज्ञानिक रूप तैयार की गयी थर्मल बैटरी में संगृहीत करता है और इनडोर खाना पकाने में उपयोग के लिए ऊर्जा को पुन: परिवर्तित करता है। इस कैप्चर की गई ऊर्जा से चार लोगों के परिवार के लिए दोनों समय का खाना तैयार किया जा सकता है।

उनकी ओर से दी गयी जानकारी में बताया गया है कि इस स्टोव के इस्तेमाल से हर एक किलो LPG की बचत करने पर 3 यूनिट्स कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन को कम किया जा सकता है। वर्तमान में लद्दाख सहित उच्च सोलर इंटेंसिटी वाले 60 जगहों पर इसके सोलर स्टोव के प्रोटोटाइप की टेस्टिंग की जा रही है। एक बार टेस्टिंग का काम पूरा हो जाने पर इसका व्यावसायिक उत्पादन शुरू कर दिया जाएगा। 

आम गैस के चूल्हों से महंगी होगी कीमत 
IOC की ओर से बताया गया है कि इस समय एक गैस चूल्हे की कीमत 18,000 रुपये से 30,000 रुपये के करीब आती है। लेकिन बड़े पैमाने पर अगर 2-3 लाख यूनिट का उत्पादन किया जाए और कुछ सरकारी सहायता मिले तो इसकी कीमत 10,000 रुपये से 12,000 रुपये प्रति यूनिट तक कम हो सकती है। बिना रखरखाव के चूल्हे को दस सालों तक आराम से चलाया जा सकता है। इसमें एक ट्रेडिशनल बैटरी नहीं है, जिसे बदलने जरूरत होती है। साथ ही सोलर पैनल की लाइफ 20 साल है।

2-3 महीने में आम लोगों के लिए शुरू हो सकता है उत्पादन 
सौर ऊर्जा का इस्तेमाल करने वाले इस सोलर स्टोव का इस्तेमाल खाना बनाने से जुड़े हर काम के लिए किया जा सकता है। इसमें पानी उबालने से लेकर, तलने और रोटी पकाने में भी प्रयोग किया जा सकता है। अभी इसे व्यावसायिक तौर पर लॉन्च करने में 2-3 महीने का और समय लग सकता है।