CG : पुलिस की पहल रंग लाई… टूटने से बचे 187 परिवार, पति-पत्नियों को एक दूसरे से हो गई थी नफरत…
इम्पैक्ट डेस्क.
छत्तीसगढ़ की कोरबा पुलिस की खास पहल के लिए सराहना की जाना चाहिए। उसने एक-दो नहीं, बल्कि 187 परिवारों को टूटने से बचाने में अहम भूमिका निभाई है। पति-पत्नियों को एक दूसरे से इतनी नफरत हो गई थी कि वे तलाक की ओर बढ़ रहे थे।
दरअसल कोरबा पुलिस ने ‘खाकी के रंग परिवार के संग’ कार्यक्रम शुरू किया है। सामुदायिक पुलिसिंग की इस पहल के अंतर्गत महिला परामर्श केंद्र में 187 परिवारों को फिर मिलाया गया। पुलिस ने इस पहल को कामयाब बनाने के लिए परामर्शदाताओं को खासतौर से नियुक्त किया था।
परिवार बगैर जीवन अधूरा : सांसद महंत
दंपत्तियों में सुलह के बाद उनके सम्मान के लिए कोरबा के राताखार की एक होटल में कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें कोरबा की सांसद ज्योत्स्ना महंत मुख्य अतिथि थीं।
महंत ने अपने संबोधन में परिवार का महत्व बताते हुए कहा कि बगैर परिवार के जीवन अधूरा है। सुखी परिवार सुखमय जीवन का आधार है। आज वह बतौर सांसद जनता की सेवा कर रही हैं तो इसका श्रेय उनके परिवार का है।
परिवार मानव जाति की सबसे बड़ी पूंजी : एसपी पटेल
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कोरबा के एसपी भोजराम पटेल ने कहा कि परिवार मानव जाति का सबसे बड़ी पूंजी है। बिना परिवार स्वस्थ मानव जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। पुलिस अधीक्षक के रूप में उनके कार्यकाल में परिवारिक विवाद के 508 आवेदन मिले। सभी दंपतियों की काउंसलिंग की गई। इनमें से 187 का पुनर्मिलन कराने में कामयाबी मिली।
सामुदायिक पुलिसिंग के दायित्व का निर्वहन करते हुए कोरबा पुलिस टूटे परिवारों को फिर से मिलाने की पहल कर रही है। एसपी पटेल ने कहा कि आगे भी यह अभियान जारी रखा जाएगा।