रसोई पर महंगाई की मार : एलपीजी के बाद पीएनजी के दाम में तेजी बढ़ोतरी… जानें दोनों में कौन ज्यादा किफायती?…
इंपैक्ट डेस्क.
जैसा कि उम्मीद जताई जा रही थी कि देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद तेल-गैस के दामों में इजाफा देखने को मिलेगा। यह उम्मीद सच साबित हो रही है और हर बीतते दिन के साथ आम आदमी का बोझ बढ़ता जा रहा है। रसोई पर महंगाई की जो मार पड़ रही है उससे घर का बजट गड़गड़ा गया है। हाल ही में घरेलू एलपीजी सिलेंडर के दाम में 50 रुपये की वृद्धि की गई, तो इसके बाद पाइप्ड नेचुरल गैस के दाम भी बढ़ा दिए गए। इसमें बीते ग्यारह दिनों में करीब सात रुपये प्रति किलो का इजाफा हो चुका है। हम आपको आज बता रहे हैं कि आपके लिए कौन सी गैस वर्तमान हालातों में ज्यादा किफायती है एलपीजी या पीएनजी और क्या हैं दोनों के फायदे-नुकसान।
पेट्रोल-डीजल की लगातार बढ़ती कीमतों के बीच दिल्ली-एनसीआर में पाइप से घरों में पहुंचाई जाने वाली रसोई गैस (पीएनजी) की कीमतों में भी जोरदार इजाफा हुआ है। आईजीएल ने शुक्रवार से इसके दाम 16.5 फीसदी प्रति मानक घन मीटर (एससीएम) बढ़ा दिए हैं। इससे कीमतें हर यूनिट पर करीब 5.85 रुपये बढ़ गई हैं। इसके बाद दिल्ली में लागू मूल्य 41.61 रुपये प्रति एससीएम (वैट सहित) होगा, जबकि गाजियाबाद और नोएडा में घरेलू पीएनजी 41.71 रुपये प्रति एससीएम कर दी गई है। आईजीएल का कहना है कि वैश्विक स्तर पर गैस की कीमतों में उछाल आने से इस वक्त इनपुट कास्ट बढ़ गई है। इस वजह से कीमतों में इजाफा किया गया है।
घरेलू सिलेंडर के दाम यहां पहुंचे
तेल कंपनियों की ओर से देश की आम जनता को बड़ा झटका देते हुए घरेलू रसोई गैस के दाम में बढ़ोतरी की गई। तेल विपणन कंपनियों ने रसोई गैस सिलेंडर की कीमत 50 रुपये बढ़ा दी और इसके तेजी के बाद 14.2 किलोग्राम का एलपीजी सिलेंडर दिल्ली में 949.50 रुपये का हो गया। इस वृद्धि के बाद कई बड़े शहरों में सिलेंडर की कीमत 1000 रुपये को पार कर गई है और पटना में इस समय 1048 रुपये यानी सबसे महंगा घरेलू गैस सिलेंडर हो गया है। तेल कंपनियों को तर्क है कि रूस-यूक्रेन के बीच जारी जंग के चलते उपजे हालातों को असर सप्लाई पर पड़ा है और यही कारण है कि हम कीमतों में वृद्धि करने को मजबूर हुए हैं।
कौन सी गैस आपके लिए किफायती
एक रिपोर्ट के अनुसार, मोदी सरकार ने देश की 70 फीसदी आबादी के पास पीएनजी कनेक्शन पहुंचाने के लिए बड़ी योजना तैयार की है। पेट्रोलियम मंत्रालय के फरवरी 2021 तक के आंकड़ों के अनुसार, 29 करोड़ से ज्यादा ज्यादा परिवार एलपीजी का इस्तेमाल कर रहे हैं। इस बीच अगर किफायत के स्तर पर देखें तो भले ही एलपीजी के उपभोक्ता देश में अधिक हों लेकिन पाइप्ड गैस (पीएनजी) उपयोग के लिहाज से ज्यादा किफायती है। भले ही इसके दाम में अभी लगातार तेजी आ रही है फिर भी यह एलपीजी से बहुत सस्ती पड़ती है। ऐसे में रसोई का खर्च दिन-ब-दिन बढ़ने के दौर में अगर आप पीएनजी पर स्विच करते हैं, तो गैस के खर्च को काफी बचा सकते हैं।
पीएनजी और एलपीजी में अंतर
पीएनजी यानी कि पाइप्ड नेचुरल गैस। इस नेचुरल गैस को उद्योगों या घर तक पाइप के जरिये पहुंचाया जाता है। इसके अलावा पीएनजी पर फैक्ट्रियों को चलाने का मकसद प्रदूषण को कम करना भी है। वहीं दूसरी ओर एलपीजी गैस की बात करें तो ये द्रवित पेट्रोलियम गैस यानी लिक्यूफाइड पेट्रोलियम गैस भी कहते हैं। इसमें कई हाइड्रो कार्बन गैस का मिक्सर होता है। इसे ज्यादातर रसोई गैस के रूप में ही इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन अब इसका उपयोग गाड़ियों और अन्य उपकरणों में भी तेजी से हो रहा है।