चिटफंड़ कंपनी के नाम पर करोड़ों की ठगी करने वाले 3 आरोपी गिरफ्तार…
इंपेक्ट डेस्क.
सूरजपुर। जिले में चिटफंड कंपनी के नाम से ठगी करने वाले आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। इन्होंने लोगों से वादा किया था कि एक बार आप पैसा जमा कर दीजिए। फिर हर महीने आपको पैसा मिलेगा। बाद में पैसा लेकर भाग गए थे। पुलिस ने अब 5 साल बाद 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। मामला सूरजपुर थाना क्षेत्र का है। दरअसल, 27 मार्च 2016 को ग्राम डुमरिया निवासी रनसाय राजवाड़े ने थाने में शिकायत की थी। अपनी शिकायत में रनसाय ने बताया था कि माधव और नारायण राजवाड़े उसके पास आए थे। उन्होंने उसे फाइन इंडिसेल्स कंपनी के बारे में बताया था कि हम इस कंपनी के हम एजेंट हैं।
कंपनी का प्लान बहुत अच्छा है। बस आपको एक साथ 1 लाख रुपए जमा करना है, फिर कंपनी आपको हर महीने 9 हजार रुपए देगी। यही बात सुनकर पीड़ित उनकी बातों में आ गया था। इसके बाद उसने कुछ और लोगों के साथ मिलकर कंपनी में 3.5 लाख रुपए कंपनी में जमा कर दिए। इसके बदले में उसे कंपनी ने पर्ची भी दिया था। पैसा जमा करने के बाद ये सभी इंतजार करने लगे कि पैसा आएगा। मगर काफी दिन बीत जाने के बाद हर खाते में पैसा नहीं आया। इस पर इन्होंने दोनों एजेंटों से संपर्क किया, लेकिन वह पैसा मिलने की बात कहकर टालमटोल करने लगे। इसके बाद गाली-गलौच करने लगे। इसके साथ ही धोखाधड़ी कर कंपनी बंद कर गायब हो गए थे। जिसके बाद पीड़ितों ने पुलिस से शिकायत की थी।
पुलिस ने जब मामले की जांच शुरू की तो पहले पुलिस ने आरोपी बने माधव, नारायण राजवाड़े कंपनी के एजेंट होने के कारण सर्वोच्च न्यायालय की गाइडलाइन के आधार पर उन्हें गवाह बनाया गया और मुख्य आरोपी फाइन इंडिसेल्स के डायरेक्टर दिवाकर सिन्हा, भूपेन्द्र चतुर्वेदी व सईद अहमद को आरोपी बनाते हुए जांच शुरू की थी। जांच में पता चला कि इन्हीं डायरेक्टरों ने एजेंटों को इस तरह से पैसे लेने के लिए कहा था। पुलिस काफी दिनों से जांच कर रही थी। मगर इन डायरेक्टरों का पता नहीं चल पा रहा था। इस बीच पुलिस को पता चला कि भूपेन्द्र चतुर्वेदी भिलाई के नेहरूनगर में रह रहा है। जिसके बाद उसे 2 जनवरी को ही गिरफ्तार कर लिया गया था। यह भी पता चला कि दिवाकर रायपुर में है। वहीं तीसरे आरोपी सईद अहमद के कानपुर में होने की बात पुलिस को पता चली। इसके बाद पुलिस ने इन दोनों को भी गिरफ्तार कर लिया है।
सोमवार को पुलिस ने पूरे मामला का खुलासा करते हुए बताया कि इन आरोपियों से एक लैपटॉप, एक मोबाइल, कार समेत अन्य सामान भी जब्त किया गया है। आरोपियों ने पुलिस को बताया है कि वे कैसे लोगों को अपनी ठगी का शिकार बनाते थे। इन्होंने बताया कि फाइन इंडिसेल्स प्राइवेट लिमिटेड बनाकर लोगों को नेटवर्किंग सिस्टम से जोड़ा गया था। कंपनी से जुड़ने के लिए 2 हजार रुपए सदस्यता शुल्क लेकर उन्हें सामग्री का पैकेट देते थे। बाद में उसे बढ़ाकर 10 हजार रुपए कर दिया था। जिसके एवज में सामग्री देने लगे। वहीं नेटवर्किंग सिस्टम में जो एजेंट जितने ज्यादा सदस्य बनाता था, उसे प्रत्येक सदस्य बनाने पर 1 हजार रुपए कमीशन दिया जाता था।