पिता ने पूछा थाः पटवारी, गुरूजी को तंख्वाह मिलती है एमएलए को क्या मिलता है?…
मिलन समारोह पर लखमा ने राजनीतिक सफर से जुड़ी यादों को किया साझा, राजनीति में मीडिया की महत्ता को बताया सर्वोपरि…
इंपेक्ट डेस्क.
बीजापुर। बात राजनीति की हो या जनप्रतिनिधियों द्वारा उठाए मुद्दों की, मीडिया के बिना आवाज बुलंद नहीं की जा सकती। यह बातें प्रदेश के उद्योग एवं आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने सर्किट हाउस में पत्रकारों के लिए आयोजित नववर्ष मिलन समारोह के अवसर पर कही। लखमा ने कहा कि समाज के उत्थान की बात हो, सियासत की बात हो, मीडिया चाहे तो उसे अर्श पर पहुंचा सकती है या सतह पर ला सकती है। इस दौरान अपने ठेठ देशी अंदाज में राजनीतिक सफर का जिक्र करते लखमा ने कुछ पुरानी यादें भी साझा की। उन्होंने कहा कि अविभाजित मध्यप्रदेश के समय जब वे एमएलए चुने गए थे, तब भोपाल विधान परिषद की कार्रवाई काफी लम्बी चलती थी। उस दौरान 320 विधानसभा हुआ करते थे। विधान सभा की लम्बी कार्रवाई के चलते डेढ़-डेढ़, दो-दो महीने बाद उनका गांव आना होता था। जिससे उनके पिता उन पर शंका जाहिर करते थे, चूंकि उनके पिता निरक्षर आदिवासी थे, जिन्हें एमएलए क्या होता है, इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी। एक किस्से का जिक्र करते लखमा ने कहा कि महीनों-महीनांे बाद गांव आने को लेकर नाराज उनके पिता ने एक दिन गांव में बैठक बुलाई। सभी रिश्तेदारों को भी बुलाया गया। उनसे पूछा कि उनके पुत्र साफ सुथरी धोती पहनकर जाते हैं और डेढ़ से दो महीने बाद चमचमाती गाड़ी में आता हैं। अब वह पहले की तरह महुआ बिनने नहीं जाता, खेत में नांगर भी नहीं जोतता, ताड़ी भी नहीं काटता और तो और मुर्गा बाजार भी नहीं जाता। वह कोई चोरी तो नहीं कर रहा । इस पर गांव वालों ने उन्हें बताया कि वह एमएलए बन गया है। इस पर पिता ने कहा कि एमएलए बनने से क्या फायदा। गुरूजी, पटवारी को तन्ख्वाह मिलती है, एमएलए को क्या मिलता है।
एक और किस्से का जिक्र करते लखमा ने हस्ते हुए कहा कि जब वे पहली बार चुनाव लड़ थे तो उनके पिता ने अपने जीवन में पहली बार वोट डाला था, लेकिन उनका वोट भी दूसरे प्रत्याशी को पड़ा। आज वो जिस मुकाम पर है, इसके लिए उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा और उनके इस संघर्ष में मीडिया, खासकर दक्षिण बस्तर की मीडिया ने उनका भरपूर साथ दिया। एक जनप्रतिनिधि के लिए मीडिया काफी महत्वपूर्ण होती है। वो चाहे एड़समेटा हो, सारकेगुड़ा हो, पोंजेर हो, वे जहां गए मीडिया उनके साथ थी। मिलन समारोह के अवसर पर पत्रकारों से मुखातिब लखमा ने पत्रकारों की आवास हेतु भुखंड की मांग को जायज बताते मुख्यमंत्री से इस पर चर्चा का भरोसा भी दिया। इस मौके पर विधायक विक्रम मंडावी, जिला पंचायत अध्यक्ष शंकर कुड़ियम, जिला पंचायत सदस्य नीना रावतीया, अध्यक्ष जिला कांग्रेस लालू राठौर समेत अन्य कांग्रेस पदाधिकारी मौजूद थे। कार्यक्रम के अंत के मन्त्री ने पत्रकारों संग रात्रि भोज भी किया।