बांधवगढ़ नेशनल पार्क में घास खाता दिखा टाइगर, नजारा देख हैरत में पड़े पर्यटक
उमरिया
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व (Bandhavgarh Tiger Reserve) में पर्यटक उस और वक्त टाइगर सफारी के दौरान रोमांचित हो उठे. जब एक बाघ को घास खाते हुए देखा गया. ये नजारा देख सफारी का लुत्फ उठा रहे पर्यटकों ने कहा- अरे वाह…ये कैसे..? इसके बाद पर्यटकों के समूह से एक पर्यटक ने अपना कैमरा ऑन किया. इस सुंदर दृश्य को अपने कैमरे में कैद कर लिया.
खितौली जोन में दिखा है ये बाघ
दरअसल, वीडियो में बाघ घास खाते हुए दिखाई दे रहा है. अब ये वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. यह वीडियो (Video Viral) उस समय का है, जब पर्यटक बांधवगढ़ के खितौली जोन में सफारी का लुत्फ उठा रहे थे. एक मिनट 40 सेकंड के इस वायरल हो रहे वीडियो में बाघ बड़े आराम से घास खाते हुए दिख रहा है. हालांकि, बाघ का घास खाने का यह मामला कोई असामान्य विषय नहीं है, कुत्ते, बिल्ली, बाघ समेत ऐसे कई जानवर होते हैं, जो कभी-कभी घास खाते हैं. वो ऐसा तब करते हैं जब उन्हें पाचन क्रिया में परेशानी होती है.
डायरेक्टर अनुपम सहाय से ने वीडियो की पुष्टि की
उमरिया के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में पदस्थ डायरेक्टर अनुपम सहाय से बात हुई थी तो उन्होंने इस वीडियो की पुष्टि की है और बाघ को हरी घास खाने पर कहा कि जब उन्हें पाचन क्रिया में समस्या होती है तो घास खाते हैं.
बाघ भी खाता है घास
वायरल हो रहा वीडियो पीलीभीत के टाइगर रिज़र्व का है. यहां पर आपको एक टाइगर दिखाई दे रहा है, ज सड़क के किनारे टहल रहा है. उसके ठीक सामने एक मरा हुआ अजगर पड़ा हुआ है. वो उसके पास से निकलकर सामने मौजूद घास खाने लगता है. उसे इस तरह से घास चलते हुए देखकर आप भी आश्चर्य में पड़ जाएंगे. आखिर बाघ खास कैसे खा सकता है, जबकि वो विशुद्ध तौर पर मांसाहारी जानवर है.
अजगर ने कर दिया बुरा हाल
इस वीडियो को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर lucknowfeed नाम के अकाउंट से शेयर किया गया है. इसके साथ जानकारी दी गई है कि पीलीभीत टाइगर रिज़र्व के इस बाघ ने अजगर खा लिया था, जिसके बाद उसकी हालत खराब हो गई. उल्टी हुई लेकिन फिर भी ठीक नहीं लग रहा था. वीडियो पर कमेंट करते हुए कुछ लोगों ने बताया कि बाघ और कुत्ते भी कई बार पेट ठीक नहीं होने पर घास खाते हैं. वहीं कुछ यूज़र्स ने आश्चर्य जताया कि ये घास कैसे खा रहा है.
घास चबाने से मिलता है राहत और पोषण विशेषज्ञों का कहना है कि घास में फाइबर और कुछ विशेष पोषक तत्व होते हैं जो शेर और बाघ जैसे जानवरों के पाचन को बेहतर बनाते हैं। घास चबाना केवल एक आदत नहीं बल्कि एक स्वास्थ्य लाभकारी प्रक्रिया है। यह आदत उनके पेट के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए लाभकारी है। तनाव कम करने का प्राकृतिक तरीका विशेषज्ञों का मानना है कि घास चबाने का यह व्यवहार जानवरों को मानसिक राहत भी देता है। शेर और बाघ जैसे जानवरों का जीवन भी कई बार तनावपूर्ण हो सकता है खासकर जब वे अपने इलाके की सुरक्षा कर रहे होते हैं या अपने भोजन की तलाश में होते हैं। ऐसे में घास चबाना उनके लिए एक स्वाभाविक और कारगर तरीका है जिससे वे खुद को संतुलित और स्वस्थ महसूस करते हैं।
बाघिन ने बहन के 3 शावकों को 4 साल पाला
सीधी जिले के संजय दुबरी टाइगर रिजर्व की मौसी बाघिन T28 ने करीब चार साल बाद अपने पांच शावकों को खुद से अलग कर दिया है। 19 मई को इसके शावक दुबरी रेंज में अलग-अलग नजर आए। वैसे तो बाघ वंश की ये सामान्य प्रक्रिया है, लेकिन T28 के मामले में ये बिल्कुल अलग है।