Madhya Pradesh

केंद्रीय कृषि मंत्री ने एक राष्ट्र-एक चुनाव पर रखे विचार, उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने किया स्वागत

भोपाल / लखनऊ

साल भर चुनाव होते हैं, जिससे विकास ठप हो जाता है. एक राष्ट्र-एक चुनाव होने से विकास कार्यों को पंख लगेंगे और सरकारी व्यवस्थाओं का दोहन भी रुकेगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वन नेशन वन इलेक्शन का जो सपना देखा है, उसे हम सब को मिल कर साकार करना है. ये बातें एक राष्ट्र एक चुनाव के राष्ट्रीय संयोजक एवं केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को लखनऊ में कही.

शिवराज सिंह  पहली बार लखनऊ पहुंचकर उत्तर प्रदेश नागरिक परिषद द्वारा एक राष्ट्र-एक चुनाव पर आयोजित संगोष्ठी में अपने विचार रखे. गांधी भवन प्रेक्षागृह में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि एक राष्ट्र एक चुनाव, देश की आवश्यकता है. साल के 12 महीने चुनाव होते रहते हैं. हर प्रदेश के मुख्यमंत्री व मंत्री चुनाव प्रचार करते हैं, इससे विकास कार्य थम जाते हैं. हर महीने आचार संहिता लगने से जनकल्याणकारी योजनाएं भी प्रभावित होती हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने इस योजना पर काम करना शुरू किया था. अब समय आ गया है कि हम सभी उनके इस सपने को साकार करें.

कार्यक्रम संयोजक एवं उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि वन नेशन वन इलेक्शन, देश के लिए बहुत आवश्यक है. एक राष्ट्र एक चुनाव कराने से न केवल देश पर चुनाव कराने का आर्थिक बोझ कम होगा, बल्कि जब एक साथ चुनाव होंगे तो नवगठित सरकार को पांच वर्ष तक निरंतर विकास कार्य करने का पर्याप्त समय मिलेगा. डिप्टी सीएम ने पहलगाम हमले में मारे गए सभी नागरिकों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करने हुए कहा कि इस घटना को अंजाम देने वाले आतंकियों एवं उनके आकाओं को कतई बख्शा नहीं जाएगा. उनके खिलाफ हमारी फोर्स लगातार कार्रवाई कर रही है.

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने कहा कि वन नेशन वन इलेक्शन देश के लिए बहुत जरूरी है. लगातार चुनाव चलते हैं, इससे देश के संसाधनों और समय की हानि होती है. न्यायमूर्ति (अ.प्र.) रंगनाथ पाण्डेय ने कहा कि आचार संहिता से विकास की गति भी प्रभावित होती है. वन नेशन वन इलेक्शन, देश की जरूरत है. हम सभी को इस अभियान की महत्ता समझनी चाहिए. कार्यक्रम में एक राष्ट्र एक चुनाव पर डॉक्यूमेंट्री को प्रदर्शित किया गया. अत्याधुनिक एआई तकनीकि द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का उद्बोधन भी हुआ.