हाइकोर्ट ब्रेकिंग dr. Alok Shukla की संविदा प्रमुख सचिव की नियुक्ति के खिलाफ जनहित याचिका स्वीकार…
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इम्पेक्ट न्यूज़॥ बिलासपुर।
स्कूल शिक्षा के प्रमुख सचिव आलोक शुक्ला की संविदा नियुक्ति पर याचिकाकर्ता रुस्तम भाटी के द्वारा जनहित याचिका प्रस्तुत की गई थी,उपरोक्त याचिका में छत्तीसगढ़ शाशन एवं आलोक शुक्ला के वकीलों द्वारा याचिका पर आपत्ति की गई थी कि उपरोक्त याचिका जनहित याचिका के रूप में चलने योग्य नहीं है|क्योंकि रुस्तम भाटी एक पार्टी विशेष के पदाधिकारी है।
दिनांक 24/09/2021 को माननीय उच्च न्यायालय की कार्यवाहक मुख्यन्यायधिपति श्री प्रशांत मिश्रा एवं न्यायाधीश नरेश कुमार चंद्रवंशी की युगलपीठ की युगलपीठ में अंतिम रूप से बहस हुई जिसका फैसला 4 अक्टूबर को सुनाया की राज्य शाशन एवं आलोक शुकला की आपत्ति स्वीकार नही है एवं उपरोक्त मामला जनहित याचिका के रूप में चलने योग्य है |
यह एक मात्र कारण नही हो सकता कि एक पार्टी विशेष का आदमी इस प्रकरण पर PIL नही लगा सकता। अब आगे उनकी नियुक्ति नियमानुसार है अथवा नही पर सुनवाई होगी।मामले की अगली सुनवाई हेतु न्यायालय ने 15 नवंबर की तारिक संस्थित की है| याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता के. राघवाचार्यलू, अशुतोष पांडेय, हिमांशु सिन्हा, एवही. श्रीधर, शशांक ठाकुर एवं वैभव शुक्ला ने पैरवी की |
याचिकाकर्ता के वकीलों ने कोर्ट के समक्ष आलोक शुक्ला की योग्यता, उपयुक्तता एवं अहर्ता पर सवाल खड़े किए। वकीलों ने यह भी बताया कि आलोक शुक्ला बहुचर्चित नान घोटाले के आरोपी हैं,ऐसे व्यक्ति को राज्य सरकार द्वारा प्रमुख सचिव के पद पर बिठाया जाना ,संविदा नियुक्ति में निहित प्रावधानों के विपरीत है |
राज्य शासन की और से स्वयं महाअधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा एवं उपमहाधिवक्ता अनिमेष तिवारी ने पैरवी की एवं आलोक शुक्ला की ओर से पैरवी सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता अवि सिंह ने पैरवी की।