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भारत के विनोद से ब्रॉन्ज मेडल छीना गया, आयोजकों ने उनकी कैटेगरी को गलत बताया, अवनि ने भारत को पहला गोल्ड दिलाया…

Impact desk.

टोक्यो पैरालिंपिक गेम्स में भारत को बड़ा झटका लगा है। डिस्कस थ्रो में ब्रॉन्ज जीतने वाले विनोद कुमार से मेडल छीन लिया गया है। रविवार को रिजल्ट को होल्ड पर रखा गया था। कुछ देशों ने उनकी क्लासिफिकेशन कैटेगरी (F52) को लेकर आपत्ति जताई थी। भारत के मिशन प्रमुख (Chef de Mission) गुरशरन सिंह ने कहा कि जांच के बाद ऑर्गेनाइजर्स ने विनोद को उनकी क्लासिफिकेशन कैटेगरी में योग्य नहीं पाया है।

टोक्यो पैरालिंपिक में सोमवार को भारत की शुरुआत अच्छी रही। भारत के लिए पहला गोल्ड मेडल अविन लेखरा ने 10 मीटर एयर राइफल में जीता। पुरुषों के F56 कैटेगरी में योगेश कथुनिया ने डिस्कस थ्रो में सिल्वर मेडल जीता। वहीं जेवलिन में भारत को 2 मेडल आए। देवेंद्र झाझरिया ने सिल्वर और सुंदर गुर्जर ने ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया।

विनोद का मेडल वापस होने के बाद भारत ने पैरालिंपिक गेम्स में अब तक 1 गोल्ड, 4 सिल्वर और 1 ब्रॉन्ज समेत 6 मेडल जीते हैं। यह भारत का अब तक का सबसे सफल पैरालिंपिक बन गया है। इससे पहले 2016 रियो ओलिंपिक और 1984 ओलिंपिक में भारत ने 4-4 मेडल जीते थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी एथलीट्स को बधाई भी दी है।

विनोद ने F52 कैटेगरी में हिस्सा लिया था
41 साल के विनोद ने F52 कैटेगरी में पैरालिंपिक में हिस्सा लिया था। इस कैटेगरी में उन एथलीट्स को शामिल किया जाता है, जिनकी मांसपेशियों में कमजोरी होती है। अंग की कमी, पैर की लंबाई असमान होती है। ऐसे खिलाड़ी व्हीलचेयर पर बैठकर कॉम्पिटिशन में हिस्सा लेते हैं।

गुरशरन ने कहा कि ऑर्गेनाइजर्स ने मेडल वापस लेते हुए कहा कि विनोद का शरीर इस कैटेगरी से ज्यादा मजबूत है। टेक्नीकल कमेटी ने उन्हें ”क्लासिफिकेशन नॉट कम्प्लीटेड” (CNC) कैटेगरी में रखा है। इस वजह से विनोद का परफॉर्मेंस फाइनल से हटा दिया गया है।

इससे पहले 22 अगस्त को भी उनकी जांच हुई थी। हालांकि, तब ऑर्गेनाइजर्स ने कहा था कि इवेंट के दौरान ही उनकी विशेष तौर पर जांच की जाएगी। तब विनोद को खेलने की इजाजत दे दी गई थी। विनोद ने फाइनल में 19.91 मीटर के बेस्ट थ्रो के साथ ब्रॉन्ज मेडल जीता था।

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