नर्मदापुरम में 7 दिसंबर को रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव, CM मोहन यादव का ऐलान
भोपाल
मध्यप्रदेश में निवेश को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से अगला रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव 7 दिसंबर को नर्मदापुरम में आयोजित किया जाएगा। यह जानकारी मंगलवार को मुख्यमंत्री मोहन यादव ने दी।
यह छठा सम्मेलन होगा, जिसमें देश भर के प्रमुख उद्योगपति और निवेशक मुख्यमंत्री से आमने-सामने मिलेंगे और मध्यप्रदेश के किसी विशेष क्षेत्र के लिए निवेश प्रस्ताव प्राप्त किए जाएंगे।
जबलपुर में हुआ था पहला सम्मेलन
पहला सम्मेलन जबलपुर में हुआ था, जो मध्यप्रदेश के महाकौशल क्षेत्र का केंद्र है। इसके बाद इंदौर और उज्जैन (मालवा-निमाड़ क्षेत्र), फिर सागर (बुंदेलखंड क्षेत्र) और आखिरी सम्मेलन रीवा में हुआ। मुख्यमंत्री ने उद्योग स्थापित करने के उद्देश्य से राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में सम्मेलनों का कॉन्सेप्ट शुरू किया है। संभावना है कि इससे राज्य की आर्थिक वृद्धि और रोजगार में वृद्धि का मार्ग प्रशस्त होगा।
क्या होता है सम्मेलन में
इन सम्मेलनों के दौरान, राज्य सरकार ने व्यवसाय के लिए अपनी नीतियों पर प्रकाश डाला। इसमें मध्य प्रदेश में उद्योगपतियों को अपनी इकाइयां स्थापित करने के लिए आकर्षित करने के लिए भूमि उपलब्ध कराना शामिल है।
रीवा में मिले था 31 हजार करोड़ के निवेश के प्रपोजल
मुख्यमंत्री ने पहले कहा कि फेस टू फेस बैठकों से उद्योगों को आवश्यक सुविधाएं देने में आने वाली कठिनाई या किसी भी परेशानी का तुरंत समाधान करने में मदद मिलती है। 23 अक्टूबर को रीवा में आयोजित पिछले सम्मेलन में, राज्य सरकार को 31,000 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले थे। इन निवेशों से पूरे राज्य में 28,000 से अधिक रोजगार सृजित होने की उम्मीद है।
ये रहे थे प्रमुख निवेश
प्रमुख निवेश प्रस्ताव श्री सिद्धार्थ इंफ्राटेक (ग्रीनको) द्वारा अक्षय ऊर्जा के लिए 12,800 करोड़ रुपये, ऋत्विक प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा पन्ना में अक्षय ऊर्जा के लिए 4,000 करोड़ रुपये और पतंजलि आयुर्वेद द्वारा वेलनेस और खाद्य प्रसंस्करण में 1,000 करोड़ रुपये के थे। इसके अतिरिक्त, अल्ट्राटेक सीमेंट ने 1000 करोड़ रुपये का प्रस्ताव रखा। मैहर में 3,000 करोड़ रुपये की सीमेंट इकाई और अडानी समूह की महान एनर्जीन लिमिटेड ने सिंगरौली जिले में कोयला ब्लॉक के लिए 2,528 करोड़ रुपये देने की प्रतिबद्धता जताई है।