ईरान को दहला पीठ थपथपाता रहा इजरायल, हिजबुल्लाह ने दे दिया 440 वोल्ट का झटका
लेबनान.
इजराइल ने शनिवार की सुबह ईरान पर हवाई हमले करके 1 अक्टूबर का बदला ले लिया। सेना ने बैलिस्टिक मिसाइलों के जवाब में ईरान के कई सैन्य स्थलों को निशाना बनाया। इजराइली सेना के लड़ाकू विमानों ने उन केंद्रों को निशाना बनाया, जिनका इस्तेमाल ईरान इजराइल पर दागी गई मिसाइल बनाने के लिए करता था। उसने सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों पर भी निशाना साधा। इधर, इजरायल ईरान पर हमले के बाद अपनी पीठ थपथपाने में व्यस्त था, लेबनान में हिजबुल्लाह ने यहूदी राष्ट्र को 440 वोल्ट का तगड़ा झटका दे दिया। साउथ लेबनान में इजरायली सेना और हिजबुल्लाह के बीच चल रहे जमीनी हमले में आईडीएफ के सैनिक लगातार मारे जा रहे हैं। ताजा हमले में 4 सैनिकों की मौत हो गई। इस तरह मरने वालों की संख्या 33 हो गई है। 14 से अधिक घायल हैं। हिजबुल्लाह की गुरिल्ला फौज इजरायली सेना पर भारी पड़ रहे हैं।
आईडीएफ ने रविवार को जानकारी दी कि शनिवार शाम दक्षिणी लेबनान के एक गांव में हिजबुल्लाह आतंकवादियों के साथ लड़ाई में चार इजरायली सैनिक मारे गए और 14 घायल हो गए। लेबनान में हिजबुल्लाह के खिलाफ जमीनी हमले और ऑपरेशन के दौरान आईडीएफ के 33 सैनिक मारे जा चुके हैं। टाइम्स ऑफ इजरायल की रिपोर्ट के अनुसार, सभी सैनिक एलन ब्रिगेड की 8207वीं बटालियन के साथ काम करते थे। वहीं, 14 घायल सैनिकों में से पांच की हालत गंभीर बताई गई है।
लेबनान जमीनी हमले में इजरायल और हिजबुल्लाह के अपने-अपने दावे
इजरायल का कहना है कि गोलीबारी में तीन हिज़्बुल्लाह आतंकवादी भी मारे गए हैं। आईडीएफ का कहना है कि उनकी सेना लेबनान में लगातार आगे बढ़ रही है और हिजबु्ल्लाह लड़ाकों को लगातार खदेड़ रही है। इससे उलट हिजबुल्लाह का दावा है कि इजरायली सेना का जमीनी अभियान उनकी गुरिल्ला फौज के आगे नाकाम साबित हो रहा है। हिजबुल्लाह ने दावा किया है कि जमीनी लड़ाई में इजरायल न सिर्फ अपने सैनिक बल्कि हथियार, गोला-बारूद, टैंक भी खो रहा है। हिजबुल्लाह ने कहा कि जल्द ही इजरायली सेना को सीमा के बाहर खदेड़ दिया जाएगा।
लेबनान जंग की रिपोर्टिंग कर रहे तीन पत्रकारों की इजरायली हमले में मौत
दक्षिण-पूर्वी लेबनान के एक गेस्टहाउस में आराम कर रहे तीन पत्रकारों की इजराइली हवाई हमले में मौत हो गई। यह एक वर्ष पहले सीमा पार से शुरू हुए युद्ध के बाद से मीडिया पर सबसे घातक हमलों में से एक है। यह उस क्षेत्र पर एक दुर्लभ हवाई हमला था, जो अब तक हवाई हमलों से बचा हुआ था और जिसका उपयोग मीडिया द्वारा युद्ध को कवर करने के लिए आधार के रूप में किया जाता रहा है। इजराइली सेना ने हमले से पहले कोई चेतावनी जारी नहीं की। बाद में उसने कहा कि वह इसकी जांच कर रही है।